बरेली में नपा अध्यक्ष शहला ताहिर पर सख्त हुआ राज्य पिछड़ा आयोग, डीएम व सचिव को दी चेतावनी, बोला- दर्ज हो एफआइआर

State Backward Commission Action राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने नवाबगंज नगर पालिका की अध्यक्ष शहला ताहिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश जिलाधिकारी व राज्य निर्वाचन आयोग को दिया है। शहला ताहिर पर पिछड़ा वर्ग जाति की होने संबंधित फर्जी दस्तावेज लगाने की शिकायत की गई थी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 03:54 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 03:54 PM (IST)
बरेली में नपा अध्यक्ष शहला ताहिर पर सख्त हुआ राज्य पिछड़ा आयोग, डीएम व सचिव को दी चेतावनी, बोला- दर्ज हो एफआइआर
बरेली में नपा अध्यक्ष शहला ताहिर पर सख्त हुआ राज्य पिछड़ा आयोग, डीएम व सचिव को दी चेतावनी

बरेली, जेएनएन। State Backward Commission Action : राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने नवाबगंज नगर पालिका की अध्यक्ष शहला ताहिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश जिलाधिकारी व राज्य निर्वाचन आयोग को दिया है। शहला ताहिर पर पिछड़ा वर्ग जाति की होने संबंधित फर्जी दस्तावेज लगाने की शिकायत भारतीय जनता पार्टी के जिला संयोजक नीरेंद्र सिंह राठौर ने आयोग से की थी। जिसके बाद आयोग ने मामले की जांच कराते हुए आरोप सही पाया था और शहला का पिछड़े वर्ग की जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था। अब राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग सचिव की ओर से आरोपित शहला ताहिर के खिलाफ 11 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने के साथ ही मामले में प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई की जानकारी साक्ष्य समेत मांगी है। ऐसा न करने पर जिलाधिकारी व सचिव राज्य निर्वाचन आयोग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

मोमिन अन्सार जाति संबंधी कोई साक्ष्य नहीं मिला था 

पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से जिलाधिकारी व राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव को भेजे गए पत्र के मुताबिक मामले में शिकायत के बाद जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति ने रिपोर्ट दी। इसमें बताया गया कि शहला ताहिर के पास मोमिन अन्सार (अन्य पिछड़ा वर्ग) जाति संबंधी कोई साक्ष्य या प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है। इस वजह से तहसीलदार नवाबगंज ने जुलाई 2017 को शहला ताहिर के पक्ष में जारी प्रदेश के पिछड़ी जाति के लिए जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया।

28 अक्टूबर को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में है सुनवाई 

चूंकि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग शहला ताहिर पर लगे आरोपों में दोषी मान चुका है। साथ ही फर्जी तरीके से बनवाए जाति प्रमाण पत्र को आपराधिक श्रेणी में रखा है। इसलिए जिलाधिकारी से मामले में संबंधित दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को दोपहर साढ़े 12 बजे है। साथ ही सुनवाई की तारीख से पहले मुकदमा दर्ज न करने व अन्य कार्रवाई के साक्ष्य न मिलने पर जिलाधिकारी व सचिव राज्य निर्वाचन आयोग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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