इंडो-नेपाल बार्डर पर एसएसबी ने पकड़ी 14 कुंतल चाइनीज मटर, तस्कर गिरफ्तार
नेपाल के रास्ते पिकअप से बोरियों में भरकर लाई जा रही 14 कुंतल चाइनीज मटर को एसएसबी ने इंडो-नेपाल बार्डर पर पकड़ लिया।
पीलीभीत, जेएनएन : नेपाल के रास्ते पिकअप से बोरियों में भरकर लाई जा रही 14 कुंतल चाइनीज मटर को एसएसबी ने इंडो-नेपाल बार्डर पर पकड़ लिया। पिकअप से एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है। तस्कर नेपाल से सस्ते दामों में चाइनीज मटर खरीदता था और भारत में लाकर इसे महंगे दामों पर बेचता था। पकड़े गए माल की कीमत करीब छह लाख रुपये आंकी जा रही है।
इंडो-नेपाल बॉर्डर से सटे ग्राम कमलापुरी के पास गुरुवार सुबह करीब 9:50 बजे तस्कर नेपाल से पिकअप गाड़ी में 14 कुंतल चाइनीज मटर बोरियों मे भरकर भारत ला रहे थे। सटीक सूचना पर तस्कर को एसएसबी ने दबोच लिया। पूछताछ मे तस्कर ने अपना नाम रंजीत सिंह निवासी भानपुरी खजुरिया थाना संपूर्णानगर जिला लखीमपुर खीरी बताया है। इंस्पेक्टर अंकित कुमार ने बताया कि बरामद माल की अनुमानित कीमत 6 लाख 40 हज़ार रुपये बताई जा रही है। माल को सीज कर कस्टम विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है। नेपाल से चाइनीज मटर सस्ते दामों में खरीद कर ऊंचे दामों में भारत में बिक्री की जाती है।
स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है चाइनीज मटर
पिछले दिनों बाजार में बिक रहे चाइना के प्लास्टिक चावल, अंडे सुर्खियों में आए थे। अब चाइनीज मटर की खेप भी भारतीय बाजार में पहुंचने का मामला सामने आया है। सूत्रों की माने तो चीन से इस समय बड़ी मात्रा में नकली हरे मटर का निर्यात किया जा रहा है। जिसकी सप्लाई नेपाल के रास्ते भारत में की जा रही है। चाइनीज मटर को स्नोपीस, सोयाबीन आदि से तैयार किया जाता है। जिसे सोडियम मेटाबाईसल्फेट नामक केमिकल युक्त हरे रंग में रंगा जाता है, ताकि रंग के साथ-साथ मटर भी लंबे समय तक सुरक्षित रहे। बताते हैं कि इस केमिकल युक्त रंग से कैंसर होने का खतरा होता है। चाइनीज मटर उबालने पर भी नर्म नहीं होते। इससे आसानी से इनकी पहचान की जा सकती है।