बरेली में माैताें के बीच गूंज रही किलकारियां, जानिए कैसे कराए जा रहे काेविड पाॅॅजिटिव महिलाओं के प्रसव

एक ऐसा समय जहां हर ओर चीत्कार और त्राहिमाम की स्थिति है। अस्पतालों में जगह नहीं है। जगह तो ढंग से उपचार नहीं है। श्मसानों में जगह नहीं है। ऐसी स्थिति में भी न जाने कितने घरों में इन कोरोना वॉरियर्स की वजह से दुश्वारियों में किलकारियां गूंज रहीं हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 04:20 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 04:20 PM (IST)
बरेली में माैताें के बीच गूंज रही किलकारियां, जानिए कैसे कराए जा रहे काेविड पाॅॅजिटिव महिलाओं के प्रसव
बरेली में माैताें के बीच गूंज रही किलकारियां, जानिए कैसे कराए जा रहे काेविड पाॅॅजिटिव महिलाओं के प्रसव

 बरेली, जेएनएन। एक ऐसा समय जहां हर ओर चीत्कार और त्राहिमाम की स्थिति है। अस्पतालों में जगह नहीं है। जगह तो ढंग से उपचार नहीं है। श्मसानों में जगह नहीं है। ऐसी स्थिति में भी न जाने कितने घरों में इन कोरोना वॉरियर्स की वजह से दुश्वारियों में किलकारियां गूंज रहीं हैं। यह किलकारियां गूंज रहीं हैं जिले के एक मात्र जिला महिला चिकित्सालय में। इनमें से कुछ ऐसे घरों में किलकारियां गूंज रहीं हैं। जिनकी मां कोविड़ पॉजिटिव हैं।

संक्रमण से जूझ रहीं इन माताओं की भी हिम्मत है। कोरोना की दहशत से उपजे इई के दरवाजे पर आज खुशी ने दस्तक दी है। यह खुशी पाकर किसी की आंखों में आंसू थे। तो कोई नि:शब्द रह गया। बस भाव- भंगिमाएं एक - दूसरे को बधाई हो बधाई को स्वर प्रदान करती रहीं। मातृत्व सुख की मुस्कुराहट ने प्रसूताओं के दिल-ओ- दिमगा से दर्द का नाम ओ निशा मिटा दिया। तो डॉक्टर्स के चेहरे भी संतोष भरे दिखे। यह नजारा महिला अस्पताल का था। महिला चिकित्सालय में दोपहर तक 8 से अधिक प्रसव हो चुके थे। लेकिन इन सामान्य प्रसव के अलावा कोविड प्रसवों को भी डॉक्टर्स करा रहीं हैं। तो आइये आपको बताते हैं इन कोरोना वॉरियर्स डॉक्टर मां की हिम्मत के बारे में।

पांच कोविड पॉजिटिव महिलाओं के कराए प्रसव

जिला महिला चिकित्सालय की सीएमएस डा. अलका शर्मा ने बताया कि अब तक अस्पताल में कुल पांच कोविड प्रसव हुए हैं। इनमें माताएं संक्रमित रहीं। लेकिन इनके नवजात बिल्कुल सही है। इन प्रसवों को अस्पताल की पांच डॉक्टर्स ने कराया। संक्रमित गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से ओटी बनायी गई है। इन सभी संक्रमित महिलाओं को सामान्य प्रसव हुए हैं।

एसएनसीयू में नहीं रखे नवजात

एसएनसीयू की गाइड लाइन के अनुसार संक्रमित मांओं के बच्चों को एसएनसीयू में रखने का प्रावधान है। लेकिन जिन संक्रमित महिलाओं का प्रसव हुआ। उनके परिजन नवजातों को अपने साथ ले गये। बच्चों का मेडीकल परीक्षण के बाद ही परिजनों को उनकी जिम्मेदारी पर उनके हवाले किया।

प्रसव के बाद कोविड अस्पताल में किया गया भर्ती

सीएमएस ने बताया कि प्रसव के बाद महिलाओं को राजश्री कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उनका वहीं पर उपचार चल रहा है। नवजात बिल्कुल स्वस्थ हैं। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार उनको मां का दूध जरुरी है।लेकिन परिजन तैयार नहीं हुए तो नवजात अस्पताल में नहीं है।

यह हमारी ड्यूटी है ईमानदारी से निभाएंगे

जब हम नौकरी पर आते हैं। तो शपथ लेते हैं कि हर हाल में मरीजों की सेवा करेंगे। फं्रट में डॉक्टर्स के साथ लेवर रुम में रहते हैं। पीपीई किट पहनकर ही अंदर जाते हैं। ईश्वर का नाम लेकर काम करते हैं। निशि राव, स्टाफ नर्स

मां ही मां का दर्द समझती है

स्वास्थ्य विभाग में हैं तो अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। लेकिन हम जानते हैं कि एक मां का दर्द क्या होता है। मां ही मां का दर्द समझती है। हम प्रसूताओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने देते। विनीता मैनुअल, अधीक्षिका नर्स

मैं बहुत खुश हूं मुझे किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई

इस समय अस्पतालों में जाना खतरे से खाली नही है। ज्यादातर अस्पताल डिलीवरी करा भी नहीं रहे। खर्चा भी बहुत है। जिला महिला चिकित्सालय में डॉक्टर्स भगवान के रुप में काम कर रही हैं। गुलफिसां, प्रसूता

अस्पताल में पांच कोविड संक्रमित महिलाओं के प्रसव कराए गये हैं। इन महिलाओं के लिए अलग से ओटी बनायी गई है। पांच गायनिक एक एनिस्थीसिया और फार्मासिस्ट फ्रंट में काम कर रहे हैं। सभी कोविड प्रसव सामान्य हुए। इसके बाद महिलाओं को राजश्री अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नवजातों को परिजन अपने साथ ले गये हैं। डा अलका शर्मा, सीएमएस 

chat bot
आपका साथी