50 लाख रुपये की स्मैक के साथ तस्कर गिरफ्तार, मुख्य तस्कर हुआ फरार

दिल्ली से लेकर पंजाब व हरियाणा तक स्मैक तस्करी करने वाले तस्कर को किला पुलिस ने धर दबोचा। आरोपित किला क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर स्मैक बेंचा जा रहा था। मामले की जानकारी पुलिस को लगी तो पुलिस ने उसे पकड़ने का प्लान बनाया।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 04:21 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 04:21 PM (IST)
50 लाख रुपये की स्मैक के साथ तस्कर गिरफ्तार, मुख्य तस्कर हुआ फरार
मामले की जानकारी पुलिस को लगी तो पुलिस ने उसे पकड़ने का प्लान बनाया।

 बरेली, जेएनए। दिल्ली से लेकर पंजाब व हरियाणा तक स्मैक तस्करी करने वाले तस्कर को किला पुलिस ने धर दबोचा। आरोपित किला क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर स्मैक बेंचा जा रहा था। मामले की जानकारी पुलिस को लगी तो पुलिस ने उसे पकड़ने का प्लान बनाया। पुलिस ने पांच दिन पहले कस्टमर बनकर फोन किया और स्मैक की मांग की। करीब पांच दिन तक चली बातचीत के बाद भरोसे में आए तस्कर ने दूसरे तस्कर के माध्यम से जैसे ही पुलिस को स्मैक की डिलेवरी करवाई। सादे कपड़ों में मौजूद प़ुलिस ने उसे धर दबोचा। पूछताछ में मुख्य तस्कर का नाम पता चलने पर पुलिस ने फतेहगंज पश्चिमी स्थित उसके घर पर दबिश दी लेकिन वह नहीं मिला। पकड़े गए तस्कर से पुलिस पूछताछ कर रही है। 

किला पुलिस को काफी समय से क्षेत्र में स्मैक की सप्लाई की सूचना मिल रही थी। पुलिस ने मुखबिर लगाए तो पता चला कि फतेहगंज पश्चमी के रसूला चौधरी गांव निवासी नाजिम स्मैक की सप्लाई करता है। पांच दिन पहले चौकी इंचार्ज अजय शुक्ला ने तस्कर का मोबाइल नंबर हासिल किया और कस्टमर बनकर फोन किया। पहले तो तस्कर झांसे में नहीं आया और स्मैक कारोबार से मना कर दिया। हालांकि पांच दिन तक बातचीत के बाद वह चौकी इंचार्ज के झांसे में आ गया और चौकी इंचार्ज को स्मैक कारोबारी समझकर अपने साथी नाजिम निवासी रुकुमपुर के माध्यम से आधा किलो स्मैक भेजवाई। 

कहीं रिक्शा चालक तो कही ऑटो चालक बनी थी पुलिस

गुरुवार देर रात स्मैक की डिलेवरी होनी थी। तस्कर को शक न हो और वह भाग न पाए। इसके लिए पुलिस ने पूरी फील्डिंग लगाई थी। दारोगा अजय शुक्ला खरीदार बनकर रेती चौराहे पर खड़े थे। वहीं दारोगा विकास यादव रिक्शा चालक बनकर रिक्शे पर बैठे थे। इस दौरान सिपाही रोहित कुमार ऑटो चालक बनकर ऑटो पर बैठा था। पुलिस ने रेती चौराहे की पूरी घेराबंदी कर ली थी। जैसे ही नाजिम ने दारोगा अजय को स्मैक दिया वैसे ही पुलिस ने चारों तरफ से घेरा बंदी कर उसे धर दबोचा।

कोड था झुमका चौराहा कहां है

मुख्य तस्कर बेहद शातिर था। उसने डिलेवरी करने वाले नाजिम को दारोगा  का नंबर दिया और कोड बताया कि  सामने वाले से पूछना कि झुमका चौराहा कहां हैं। वह चौपुला की तरफ इशारा करे तो समझ लेना वहीं खरीदार है। इसके बाद उसने दारोगा को भी यही बताया। रेती चौराहे पर बाइक से पहुंचे तस्कर ने दारोगा से पूछा की झुमका चौरहा कहां है तो उन्हाेंने चौपुला की तरफ इशारा किया। जिसके बाद तस्कर ने सीट के नीचे छुपाई स्मैक निकालकर दारोगा को दी।

दिल्ली से हरियाणा तक सप्लाई

पूछताछ में पकड़े गए तस्कर ने बताया कि वह तो सिर्फ स्मैक की डिलेवरी करता है। बदले में उसे 10 हजार रूपये मिलते हैं। मुख्य तस्कर तो रसूला चौधरी गांव निवासी नाजिम है। उसी ने उसे डिलेवरी के लिए भेजा है। वह दिल्ली, पंजाब से लेकर हरियाणा तक सप्लाई कर चुका है।

स्मैक के लिए फतेहंगज पश्चमी में हो चुकी हैं हत्याएं

फतेहगंज पश्चमी स्मैक के लिए बदनाम हो चुका है। वहां स्मैक का बड़ा कारोबार है। फतेहगंज पश्चिमी में स्मैक कारोबार को लेकर तस्कर हत्या तक चुके है। बीते साल अफीम तस्करों ने मुखबिरी के शक में चार लाख की सुपारी देकर एक मेडिकल स्टोर कारोबारी की हत्या तक करा दी थी।

स्थानीय पुलिस को मोटा मुनाफा

स्थानीय पुलिस को कस्बे में चल रहे स्मैक कारोबार की पूरी जानकारी है। कौन-कौन स्मैक का काम कर रहा है। इसकी भी भनक है। बावजूद इसके स्थानीय पुलिस स्मैक कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं करती। सूत्रों की माने तो इस कारोबार से पुलिस को मोटा मुनाफा होता है।

फरार हुआ मुख्य तस्कर, घर में मिली सिर्फ महिलाएं

पुलिस ने महज दो घंटे के अंदर मुख्य आरोपित की तलाश में रसूला चौधरी गांव में दबिश दी। शायद उसे पुलिस पर शक हो गया था। जिसके बाद वह घर से फरार हो गया था। इतना ही नहीं उसके घर के सारे पुरूष भाग चुके थे। पुलिस ने जब दबिश दी तो घर में सिर्फ महिलाएं मिली।

अधिकारियों का क्या है कहना 

एसएसपी रोहित सिहं सजवाण का कहना है कि गिरफ्तार आरोपित स्मैक के बडा़ कारोबारी है। मुख्य तस्कर की तलाश में दबिश दी जा रही है। जल्द सी उसे गिरफ्तार किया जाएगा। पकड़े गए स्मैक की कीमत करीब 50 लाख है।

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