सीतापुर आई हॉस्पिटल और जिला अस्पताल बनेंगे सैंपल कलेक्शन सेंटर

बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रशासन ने कमर कसी है। नोडल अधिकारी नवनीत सहगल के लखनऊ लौटने के बाद डीएम नितीश कुमार ने सोमवार को स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 02:25 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 02:25 AM (IST)
सीतापुर आई हॉस्पिटल और जिला अस्पताल बनेंगे सैंपल कलेक्शन सेंटर
सीतापुर आई हॉस्पिटल और जिला अस्पताल बनेंगे सैंपल कलेक्शन सेंटर

बरेली, जेएनएन : बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रशासन ने कमर कसी है। नोडल अधिकारी नवनीत सहगल के लखनऊ लौटने के बाद डीएम नितीश कुमार ने सोमवार को स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की।

अब सीतापुर आइ हॉस्पिटल और जिला अस्पताल में सैंपल कलेक्शन सेंटर बनाने की तैयारी की जा रही है। पीलीभीत रोड पर स्पाइनल इंजरी सेंटर पहले ही इसके लिए चयनित किया जा चुका है। डीएम ने कहा कि जिले में प्रतिदिन सैंपल की क्षमता 500 तक ले जानी है। मौजूदा दर प्रतिदिन 350 की है।

बैठक में सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ला तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से शामिल नहीं हुए। डीएम ने निर्देश दिए कि जिले की सभी 15 सीएचसी पर प्रतिदिन 40 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने का लक्ष्य दिया गया है। इसमें भी आंवला, बहेड़ी और फरीदपुर पर ज्यादा फोकस है। नोडल अधिकारी नवनीत सहगल के सामने सर्विलांस से बाहर घूमने वाले संदिग्धों की नए सिरे से समीक्षा की जानी है। उन्हें हर हाल में क्वारंटाइन कराने के लिए कहा गया है। डीएम ने बताया कि नवोदय विद्यालय भी बंद चल रहे हैं। जरूरत पड़ने पर उनके परिसर को भी सैंपल इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कोरोना से बचाव के लिए अस्पतालों, नर्सिंग होम, पीएचसी, सीएचसी में 109 हेल्प डेस्क सक्रिय हैं। रविवार को नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने निजी कोविड-19 अस्पताल के प्रबंधकों के साथ बैठक करके क्षमता बढ़ाने के लिए कहा था।

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संक्रमितों की मृत्यु दर अधिक होने के बाद शासन से डेथ ऑडिट

जिले के नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने निजी कोविड-19 अस्पताल के प्रबंधकों के साथ बैठक के बाद कोविड संक्रमितों की की मृत्यु दर अधिक होने पर चिता जाहिर करते हुए जांच कराने के लिए कहा था। डीएम नितीश कुमार ने बताया कि बुजुर्गो के साथ ही युवाओं की मृत्यु होने पर हर मौत का डेथ ऑडिट शासन की तरफ से कराया जा रहा है। अगर कोई लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई भी शासन स्तर से होगी। नोडल अधिकारी के सामने समीक्षा में जिले में हुई 21 मौतों के आंकड़े आने के बाद उन्होंने सैंपलिंग बढ़ाने, जांच रिपोर्ट दो घंटे में देने और सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने के लिए कहा था। इसके बाद जब डीएम से पूछा गया कि इस मामले में क्या किया जा रहा है तो उन्होंने बताया कि पूरे मामले में शासन ही डेथ ऑडिट करा रहा है। खासकर दो युवकों की मृत्यु होने के बाद मृत्यु के कारण और परिस्थितियों को देखते हुए रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

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