दारोगा ने खुद स्मैक रखवाई फिर रिटायर्ड फौजी को पकड़ लिया

रिटायर्ड फौजी रामकुमार गुहा को अगवा कर पांच लाख वसूली की कोशिश करने वाले दरोगा व सिपाही ने पूरी प्लानिंग की थी।

By Edited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 01:01 AM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 12:31 PM (IST)
दारोगा ने खुद स्मैक रखवाई फिर रिटायर्ड फौजी को पकड़ लिया
दारोगा ने खुद स्मैक रखवाई फिर रिटायर्ड फौजी को पकड़ लिया

जेएनएन, बरेली : रिटायर्ड फौजी रामकुमार गुहा को अगवा कर पांच लाख वसूली की कोशिश करने वाला प्रशिक्षु दारोगा व सिपाही ने पूरी प्लानिंग की थी। रामकुमार पहले से दोनों के निशाने पर थे। मौका लगते ही दोनों ने अपने मुखबिर को उनके पास भेजा। उसने बहाने से स्मैक रखा थैला थमाया और खिसक लिया। साजिश से अंजान रामकुमार कुछ समझ पाते, इससे पहले प्रशिक्षु दारोगा पवन कुमार व सिपाही पहुंच गया। स्मैक तस्करी के आरोप में उन्हें उठा ले गए।

भमोरा में तैनाती के दौरान ही निगाह रखने लगा

कुछ समय पहले प्रशिक्षु दारोगा पवन भमोरा थाने में तैनात था। वहीं उसे पता चला कि रिटायर्ड फौजी काफी मालदार है। तभी से वह उनसे वसूली की कोशिश में लगा था। इस बीच उसे एक महीने ट्रेनिंग के लिए पीएसी आठवीं बटालियन भेज दिया गया। मगर उसे जैसे ही पता चला कि रिटायर्ड फौजी रामकुमार शनिवार को कचहरी पहुंचेंगे, उसने उन्हें फंसाने को जाल बिछा दिया।

ऐसे की गई प्लानिंग

प्रशिक्षु दारोगा पवन कुमार व यूपी 100 में तैनात सिपाही अंकित एक ही कमरे में रहता है। दोनों ने योजना के अनुसार एक मुखबिर को रामकुमार के पास कचहरी भेजा। वह अचानक बोला कि मेरा थैला पकड़े लो, टॉयलेट जाना है। रामकुमार ने थैला पकड़ लिया मगर वह युवक काफी देर बाद भी वापस नहीं आया। तलाशने के लिए वह स्टेट बैंक मुख्य शाखा तक पहुंच गए। इतने में दारोगा पवन व सिपाही अंकित पहुंच गया। रामकुमार को तस्कर बताते हुए अपने साथ ले गया।

रिटायर्ड फौजी बोले, मेरे पास सिर्फ पंद्रह हजार

मंगलवार दोपहर को कोतवाली पुलिस ने पीडि़त रामकुमार को बुलाया। वह बोले कि दारोगा सिपाही उन्हें बार-बार स्मैक लगाकर जेल भेजने की धमकी दे रहे थे। पंद्रह हजार देने को कहा मगर दोनों पांच लाख पर अड़े थे। रामकुमार का कहना है कि दोनों ने मेरे भतीजे को जंक्शन गेट बुलाया। वहां रकम लेने के लिए सिक्योरिटी गार्ड विकास उर्फ पंकज को भेजा। कुछ दूरी पर खड़े होकर दोनों देखते रहे। भतीजे ने सिर्फ पंद्रह हजार होने की बात कही तो दोनों मुझे वापस कार से कमरे पर ले गए।

पेशेवर अपहरणकर्ताओं की तरह रिटायर्ड फौजी को दूर से दिखाया

रामकुमार बोले, वर्दी वाले दोनों शातिर एकदम पेशेवर अपहरणकर्ताओं की तरह हर कदम उठाते दिखे। पांच लाख लेने के लिए रामकुमार के भतीजे बौनी को फोन किया। कहा कि दूसरे दिन रकम लेकर जंक्शन पहुंच जाना। उस दिन भी मुझे कार से वहां तक ले गए मगर नीचे नहीं उतारा। विकास को रकम लेने के लिए भेजा। वहां पुलिस ने उसे पकड़ा तो पवन व अंकित मुझे कार में लेकर भाग निकले। बाद में मुझे 50 रुपये देकर छोड़ दिया। दूसरी ओर विकास से पूछताछ के बाद दारोगा व सिपाही का नाम पता चला। तब मुकदमे में दोनों के नाम खोले गए। फिलहाल विकास को जेल भेज दिया गया। जबकि दारोगा पवन, सिपाही अंकित की तलाश में दबिश दे रही मगर उनके नंबर भी बंद जा रहे। कॉल डिटेल भी निकलवाई जा रही। मुखबिर की पहचान के लिए कोर्ट परिसर की सीसीटीवी फुटेज भी निकलवाने की तैयारी है।

सस्पेंड के बाद अब बर्खास्तगी की बारी

दारोगा व सिपाही को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया। विभागीय जांच भी बैठा दी। रिपोर्ट के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। इंस्पेक्टर कोतवाली पंकज वर्मा का कहना है कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही।

बख्शा नहीं जाएगा दारोगा व सिपाही

एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि आरोपित प्रशिक्षु दारोगा व सिपाही को बख्शा नहीं जाएगा। तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सस्पेंड किया जा चुका है। जांच के बाद इनकी बर्खास्तगी की रिपोर्ट भेजी जाएगी। पुलिस विभाग में ऐसे लोग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।  

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