Shravan Month 2021 : आयुष्मान योग में होगी सावन की शुरुआत, भाेलेनाथ काे प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें अभिषेक
Shravan Month 2021 News हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास वर्ष का पांचवां माह होता है। अंग्रेजों के कैलेंडर के अनुसार यह जुन-जुलाई के बीच आता है। इस बार इस माह की शुरुआत 25 जुलाई 2021 रविवार से हो रही है। 26 जुलाई को सावन का पहला सोमवार रहेगा।
बरेली, जेएनएन। Shravan Month 2021 News : हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास वर्ष का पांचवां माह होता है। अंग्रेजों के कैलेंडर के अनुसार यह जुन-जुलाई के बीच आता है। इस बार इस माह की शुरुआत 25 जुलाई 2021 रविवार से हो रही है। 26 जुलाई को सावन का पहला सोमवार रहेगा। 22 अगस्त रविवार रक्षा बंधन के दिन श्रावण मास समाप्त हो जाएगा और भाद्रपद माह की शुरुआत हो जाएगी। ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्रा बताते हैं कि इस बार सावन की शुरुआत आयुष्मान योग में हो रही है और सावन के चारों सोमवार को बहुत ही मंगलकारी संयोग बन रहे हैं अर्थात इस बार सावन में भोलेनाथ की असीम कृपा की बारिश भक्तों पर होगी
असाढ़माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा समाप्ति के पश्चात श्रावण माह का प्रारंभ होता है। असाढ़ माह से ही वर्षा ऋतु का प्रारंभ हो जाता है और इसी माह की शुक्ल एकादशी के दिन देव सो जाते हैं। देवशयनी एकादशी से ही चतुर्मास का प्रारंभ हो जाता है। श्रावण माह से व्रत और साधना के चार माह अर्थात चातुर्मास प्रारंभ होते हैं। ये 4 माह हैं- श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक। पौराणिक कथा के अनुसार देवी सती ने अपने दूसरे जन्म में शिव को प्राप्त करने हेतु युवावस्था में श्रावण महीने में निराहार रहकर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया था। इसलिए यह माह विशेष है।
श्रावण मास का महत्व
श्रावण शब्द श्रवण से बना है जिसका अर्थ है सुनना। अर्थात सुनकर धर्म को समझना। इस माह में सत्संग का महत्व है। इस माह में पतझड़ से मुरझाई हुई प्रकृति पुनर्जन्म लेती है। श्रावण माह में सिर्फ सावन सोमवार ही नहीं संपूर्ण माह ही व्रत रखना जाता है। जिस तरह गुड फ्राइडे के पहले ईसाइयों में 40 दिन के उपवास चलते हैं और जिस तरह इस्लाम में रमजान माह में रोजे (उपवास) रखे जाते हैं उसी तरह हिन्दू धर्म में श्रावण मास को पवित्र और व्रत रखने वाला माह माना गया है। पूरे श्रावण माह में निराहारी या फलाहारी रहने की हिदायत दी गई है। इस माह में शास्त्र अनुसार ही व्रतों का पालन करना चाहिए। मन से या मनमानों व्रतों से दूर रहना चाहिए। संपूर्ण माह नहीं रख सकते हैं तो सोमवार सहित कुछ खास दिनों व्रत का पालन अवश्य करें।
सावन के चारों सोमवार शुभ संयोगों के साथ
- 26 जुलाई (पहला सोमवार) :- घनिष्ठा नक्षत्र, सौभाग्य योग, वणिज करण।
- 02 अगस्त (दूसरा सोमवार) :- नवमी तिथि, कृतिका नक्षत्र, गर करण व सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
- 09 अगस्त (तीसरा सोमवार) :- श्लेषा नक्षत्र, वरीयान योग, शुक्लपक्ष की प्रतिप्रदा तिथि, किमस्तुग्घ्न व गर करण।
- 16 अगस्त (चौथा सोमवार) :- अनुराधा नक्षत्र, ब्रह्मयोग, यायिजय योग, सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
बरेली के नाथ जलाभिषेक को तैयार
जिले भर के सभी नाथ मंदिर बने सावन की तैयारियों को लेकर कमर कस ली है कोरोना काल के प्रोटोकॉल के तहत इस बार जलाभिषेक कराया जाएगा जिले में अलखनाथ, तपेश्वर नाथ, मणिनाथ, धोपेश्वर नाथ, पशुपतिनाथ, बनखंडी नाथ्, त्रिवटी नाथ, जगतेश्वर नाथ यह आठ नाथ मंदिर हैं इन मंदिरों में दूर दूर जिलों के लोग जलाभिषेक करने के लिए यहां आते हैं
ऐसे करें अभिषेक
सावन के महीने में भगवान शिव के शिवलिंग रूप का अभिषेक करें। पंचाक्षरी मंत्र के साथ दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, पंचामृत, इत्र, फलों के रस, गंगाजल के बाद शुद्ध जल से अभिषेक कराएं। चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल, आदि कई सामग्रियों से महादेव का अभिषेक करें। इसके बाद फूल, दूर्वा, बिल्वपत्र, आकपुष्प, धतूरा, कनेल आदि चढ़ाएं। अभ्रक, भांग आदि अर्पित करने के बाद नैवेद्य, फलों से भाग लगाएं। श्रीफल भेंट करने के बाद धूप-दीप से आरती करें। अभिषेक के दौरान पूजन विधि के साथ-साथ मंत्रों का जाप भी बेहद आवश्यक माना गया है। अभिषेक मंत्र न बने तो फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप हो, गायत्री मंत्र हो या शिव भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥