Shahjahanpur Weather News : भारी बारिश से नौ साल का टूटा रिकार्ड, नदियों का बढ़ा जलस्तर, फसलाें काे हुआ बड़ा नुकसान
Shahjahanpur Weather News शाहजहांपुर में सितंबर माह में एक बार फिर रिकार्ड बारिश से फसले बर्बाद हाे गईं। चौबीस घंटे के भीतर जनपद में 70 से 78 मिमी बारिश से धान गन्ना बाजरा समेत खरीफ की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
बरेली, जेएनएन। Shahjahanpur Weather News : शाहजहांपुर में सितंबर माह में एक बार फिर रिकार्ड बारिश से फसले बर्बाद हाे गईं। चौबीस घंटे के भीतर जनपद में 70 से 78 मिमी बारिश से धान, गन्ना, बाजरा समेत खरीफ की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। 15 दिन के भीतर 170 बारिश हो चुकी है। जो कि 2012 के बाद सर्वाधिक है।
बुधवार को करीब 35 से 40 किमी प्रति घंटा के वेग से चली हवा के साथ बारिश से फसलों को चौपट कर दिया। चौबीस घंटे के भीतर शहरी क्षेत्र में 72.5 मिमी, भावलखेड़ा क्षेत्र में 70 मिमी, जलालाबाद, कलान, मिर्जापुर में करीब 78 मिमी बारिश हुई। पुवायां क्षेत्र में भी 72 मिमी के करीब पानी बरसा। इससे धान,गन्ना समेत खरीफ फसल हवा के वेग में धराशायी हो गई। सभी फसलों को 20 से 30 फीसद के करीब नुकसान पहुंचा है।
दिन में 15 रात में 63 मिमी बारिश
गुरुवार को दिन में 12 से 15 मिमी के करीब बारिश हुई। जबकि रात में 58 से 63 मिमी के करीब जिले में पानी बरसा। जून से अब तक चार माह में कुल 683 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि जनवरी से अब तक 801 मिमी बारिश का आंकड़ा दर्ज किया जा चुका है।
तिलहर में गन्ना को नुकसान छत गिरी
तिलहर : तेज हवा के साथ भारी बारिश से फसले बर्बाद हो गई है। गिरी फसलों को देख किसान बेहाल है। तहसीलदार तृप्ति गुप्ता ने किसी भी फसल नुकसान इन्कार किया। एक गांव में मकान की कच्ची छत गिर जाने पर उन्होंने लेखपाल को मौके पर भेजा है। तहसीलदार ने बताया कि संतोषपुर बांगर गांव में जितेंद्र के घर की छत गिरने की जानकारी मिली। लेखपाल रमेश चंद शर्मा को नुकसान के आंकलन के लिए भेजा गया हे।
धान व गन्ना के लिए कहर बना मौसम
जैतीपुर: 36 घंटे के दौरान तेज हवा व बारिश से अगेती धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। पकी फसल हवा से गिर गई। गन्ना को भी नुकसान पहुंचा है। नौगवा गांव के जगवीर, राजीव की 15 बीघा, धीरपाल, विश्रााम की 20 बीघा, करकौर के रामपाल की 12 बीघा, मेहरबान की 12 बीघा गन्ने की फसल जमीन गिर गई। इससे करीब 20 से 25 फीसद तक नुकसान की संभावना जताई जा रही है।
2012 के बाद सर्वाधिक बारिश
वर्ष 2012 में सितंबर माह में 250 मिमी बारिश होने पर भयंकर बाढ़ आयी थी। इसके बाद सितंबर माह में 150 मिमी से अधिक बारिश नहीं हुई। लेकिन इस बार चौबीस घंटे में 78 मिमी समेत 15 दिन के भीतर 170 मिमी हो चुकी है। जबकि 15 दिन अभी सितंबर माह के शेष है।
...जैसे सूखे सावन तैसे भरे भादौं
सावन माह में मौसम ने मायूस किया। सामान्य से 40 फीसद कम बारिश होने पर किसानों का सिंचाई खर्च बढ़ गया। उमस भी बढ़ी रही। लेकिन भाद्रपद के आखिरी चरण में भारी बारिश से किसानों को फायदे के बजाय नुकसान हुआ है। पकी व दुधारू धान की फसल के गिरने से उत्पादन प्रभावित होगा। गन्ना की फसल के गिर जाने से वजन पर असर के साथ चूहों का प्रकोप भी बढ़ जाएगा।
माहवार बारिश पर एक नजर
जून : 137 मिमी
जुलाई : 285 मिमी
अगस्त : 92 मिमी
सितंबर : 170 मिमी
दो दिन लगातार बारिश से खेत में दो एकड़ धान गिर गया है। जलभराव से फसल डूब गई। कर्ज लेकर लागत लगाई। अब मूल निकलना भी मुश्किल है। अमित, राम नगर
चार एकड़ धान लगाया था, तेज हवा के साथ हुई बारिश से सब गिर गया है। अब बैंक का कर्ज कैसे लौटाएंगे यह चिंता सता रही है। बिपिन सिंह, रघुवंशी जरीयनपुर
किसानों के लिए मौसम बैरी साबित हुआ। जब जरूरत थी, पानी बरसा नहीं। अब अधिक भारी बारिश से फसलें बर्बाद हो गई। परमजीत सिंह
मौसम के मिजाज किसानों पर भारी पड़ा। खेत में धान व गन्ना चौपट हो गया। प्रशासन को मुआवजा दिलाना चाहिए। विपिन मिश्रा
तेज हवा के साथ बारिश से फसलों के गिरने की जानकारी मिली है। नुकसान आंकलन के लिए सर्वे कराया जाएगा। यदि धूप निकल आयी और खेत से पानी निकल गया तो किसानों को राहत मिल जाएगी। सतीश चंद्र पाठक, जिला कृषि अधिकारी
कल से हवा की गति धीमी हो जाएगी। तीन दिन तक मामूली बूंदाबांदी होगी। 21 व 22 सितंबर को हल्की बारिश हो सकती है। डा. रोवित कुमार, मौसम विज्ञानी