Shahjahanpur Recruitment Fair : रोजगार की उम्मीद से पहुंचे युवाओं की भीड़ देख पुलिस का छूटा पसीना, चलाए डंडे
Shahjahanpur Recruitment Fair एंबुलेंस चालक व एमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) के पदों पर भर्ती करने के लिए रविवार को पुलिस लाइंस में भर्ती मेला लगा। रोजगार की उम्मीद से पहुंचे अभ्यार्थियों नौकरी से पहले ही पुलिस के डंडे सहने पड़े।
बरेली, जेएनएन। Shahjahanpur Recruitment Fair : एंबुलेंस चालक व एमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) के पदों पर भर्ती करने के लिए रविवार को पुलिस लाइंस में भर्ती मेला लगा। रोजगार की उम्मीद से पहुंचे अभ्यार्थियों नौकरी से पहले ही पुलिस के डंडे सहने पड़े। शाहजहांपुर, लखीमपुर, हरदोई जिले के लिए होने वाली भर्ती के लिए तीन हजार से अधिक अभ्यार्थी पहुंच गए। नतीजतन पुलिस को उन्हें व्यवस्थित करने में पसीना छूट गया।
108,102 एंबुलेंस सेवा को संचालित करने की जिम्मेदारी जीवीके कंपनी को मिली है। इस कंपनी ने नए सिरे से एंबुलेंस चालक व एमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) पदों की भर्ती शुरू की है। इसके लिए रविवार को पुलिस लाइंस में भर्ती मेला लगा। शाहजहांपुर, लखीमपुर, हरदोई के करीब 1500 अभ्यार्थियों को बुलाया गया था। लेकिन मेले में इन तीन जिलों के अलावा एटा, बनारस, अलीगढ़, बरेली समेत कई जिलों के युवा पहुंच गए।
दोपहर करीब 12 बजे जब भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई तो भीड़ देख पुलिस के पसीना छूट गए। जबकि सुरक्षा की दृष्टि से एक दारोगा व तीन सिपाहियों की ही ड्यूटी लगी थी। भीड़ बेकाबू होने पर वहां तैनात दारोगा ने उन्हें समझाने के बजाय सीधे डंडे बरसाने शुरू कर दिए। जिससे कई लोगों के चोट भी लग गई। व्यवस्था के लिए पुलिस लाइंस में तैनात कई अन्य पुलिसकर्मी भी वहां पहुंच गए। इसके बाद जमा करने की प्रक्रिया पूरी कराई गई।
कोविड नियमों की उड़ी धज्जियां
कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है। लेकिन भर्ती मेले में कोविड नियमों का पालन नहीं किया गया। शारीरिक दूरी तो दूर मास्क लगाो पर भी ध्यान नहीं दिया गया। मौजूद पुलिसकर्मी भी बिना मास्क के दिखाई दिए।
विरोध में चली थी हड़ताल
जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले 23 जुलाई से राजकीय मेडिकल कालेज में चालक व एमटी ने धरना दिया था। इसके बाद 26 जुलाई से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया गया था। ऐसे में संबंधित कंपनी ने जिलाध्यक्ष समेत 14 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी थी। इसके बाद अन्य कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म कर दी थी।
प्राइवेट वाहन चला रहे है। लेकिन कोरोना के बाद आय ठीक से नहीं हो पा रही है। जिससे परिवार का पालन-पोषण भी नहीं हो पाता है। रामबाबू सिंह, हरदोई
काफी दिनों से भर्ती निकलने की उम्मीद लगाए थे। पद के हिसाब से भीड़ बहुत ज्यादा है। ऐसे में सिर्फ उम्मीद ही की जा सकती है। गोविंद मिश्रा, हरदोई
बढ़ती बेरोजगारी के हिसाब से सरकार को नौकरी निकालनी चाहिए। ताकि लोगों को अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए परेशान न होना पड़े। राममोहन, लखीमपुर
सुबह से ही पुलिस लाइंस में अपनी बारी आने की उम्मीद लगाये बैठे है। बिना पैरवी के भर्ती देखने आए है। उम्मीद है कि चयन हो जाएगा। अमृत पाल सिंह, लखीमपुर
काफी दिनों से रोजगार की तलाश कर रहे है। लेकिन कहीं कामयाबी नहीं मिल पा रही है। इस भर्ती मेले में भी काफी उम्मीद लेकर आए है। हरप्रीत सिंह, शाहजहांपुर
करीब दो साल से रोजी-रोटी का जरिया कम हो गए है। ऐसे में जब एंबुलेंस सेवा के लिए पद खाली होने की जानकारी मिली तो सारे काम छोड़कर चले आए है। ब्रजेश सिंह, शाहजहांपुर
भर्ती मेले में 1500 अभ्यार्थियों को बुलाया गया था। लेकिन तीन हजार से अधिक लोग आ गए थे। सोमवार काे प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जो कर्मचारी पहले से तैनात है उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है। अनुराग पांडेय, रीजनल मैनेजर 108 एंबुलेंस सेवा