वकील की हत्या से हिला शाहजहांपुर प्रशासन, सख्त कार्रवाई के बाद भी लापरवाही
Court Premises Security शाहजहांपुर अदालत परिसर में हुई हत्या की वारदात के बाद पुलिस प्रशासन से लेकर शासन तक हिल गया। चार पुलिस कर्मी निलंबित कर दिए गए लेकिन इसका वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों पर कोई असर नहीं दिखा।
बरेली, जेएनएन। Court Premises Security: शाहजहांपुर अदालत परिसर में हुई हत्या की वारदात के बाद पुलिस प्रशासन से लेकर शासन तक हिल गया। चार पुलिस कर्मी निलंबित कर दिए गए, लेकिन इसका वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों पर कोई असर नहीं दिखा। घटना के चंद घंटों के बाद हवालात के बाहर मौजूद पुलिसकर्मी बेपरवाह होकर मोबाइल में व्यस्त नजर आए। उन्हें न तो कार्रवाई का डर था और न ही किसी दूसरी तरह की घटना का। अधिवक्ताओं ने इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने की मांग की है।
न्यायालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से जो कैमरे लगाए गए हैं वह काम नहीं कर रहे हैं कई जगह ऐसी हैं। जहां पर कैमरे का न होना गलत है। जल्द से जल्द वहां कैमरों की व्यवस्था हो। खराब कैमरे सही कराए जाएं। अनंत सिंह, अध्यक्ष सेंट्रल बार एसोसिएशन
कचहरी के अंदर हथियार आना एक चिंता का विषय है। यह एक अधिवक्ता पर नहीं बल्कि पूरे अधिवक्ता समाज पर प्रहार है। परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक कड़ा बनाने की जरूरत है। अनित त्रिवेदी, महासचिव सेंट्रल बार एसोसिएशन
परिसर में आए दिन कोई न कोई विवाद होता रहता है। सुरक्षा की दृष्टि से जो सुरक्षाकर्मी गेट पर लगाए गए हैं वे सही से कार्य नहीं करते हैं लोग आते जाते रहते हैं पर उनको चेक नहीं किया जाता है। निशात अली खान
भूपेंद्र सिंह पहले जूनियर अधिवक्ता के तौर पर हमारे साथ कार्य करते थे। उसके बाद वह अलग सीट पर अपना काम करने लगे। वह काफी सीधे और सरल व्यक्ति थे। काफी आहत हूं। साधू खां,
गेट नंबर चार पर पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था को बिल्कुल ध्यान नहीं देते हैं कौन आ रहा है कौन जा रहा है। किसी की चेकिंग नहीं करते हैं। जब कोई घटना घटती है तो कुछ दिन अलर्ट रहते हैं। अभय मिश्र
कचहरी के गेटों पर चेकिंग को और सख्त किया जाना चाहिए। अधिवक्ताओं की भी चेेकिंग होनी चाहिए। इसमें सभी को सहयोग करना होगा। क्योंकि यह हमारी सुरक्षा से ही संबंधित है। वैभव श्रीवास्तव