Rakshabandhan 2020: रक्षासूत्र के संग भाई को कोरोना सुरक्षा का शस्‍त्र

इस बार कोरोना संक्रमण का खतरा है इसल‍िए बडी संख्‍या में बहनों ने भाई के घर जाने के बजाय डाक के जर‍िये राखी भेजी। उसमें अपने ल‍िए रक्षासूत्र रखा तो भाई की सुरक्षा के ल‍िए मास्‍क।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 09:45 AM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 05:47 PM (IST)
Rakshabandhan 2020: रक्षासूत्र के संग भाई को कोरोना सुरक्षा का शस्‍त्र
Rakshabandhan 2020: रक्षासूत्र के संग भाई को कोरोना सुरक्षा का शस्‍त्र

बरेली, अंक‍ित शुक्‍ला। रक्षाबंधन का पर्व सैकडों क‍िमी की दूरी को भी पाट देता था। इस बार हालात अलग हैं। कोरोना संक्रमण का खतरा है इसल‍िए बडी संख्‍या में बहनों ने भाई के घर जाने के बजाय डाक के जर‍िये राखी भेजी। उसमें अपने ल‍िए रक्षासूत्र रखा तो भाई की सुरक्षा के ल‍िए मास्‍क। इस संदेश के साथ क‍ि मेेरी रक्षा का वचन यह राखी द‍िलाएगी और कोरोना संक्रमण से भाई की सुरक्षा का इंतजाम मास्‍क करेगा।

डाक व‍िभाग के कर्मचारी बताते हैं क‍ि बडी संख्‍या में ऐसी बहनें आईं, ज‍िन्‍होंने यहां से ल‍िफाफा खरीदा। साथ लाईं राखी उसमें रखी और एक-दो मास्‍क भी। यह मास्‍क भाई के सुरक्षा के प्रत‍ि ज‍िम्‍मेदारी और फ‍िक्र दर्शाने वाला था। मुख्‍य डाकघर के मीड‍िया प्रभारी सुरेंद्र पांडेय बताते हैं क‍ि ग‍िनती में तो नहीं कहा जा सकता मगर बडी संख्‍या में ऐसी बहनें आईं ज‍िन्‍होंने यहां आकर राखी के साथ मास्‍क भी ल‍िफाफे में रखा। इससे पहले राखी के साथ म‍िठाई का पीस, रोली-चावल आद‍ि रखने की परंपरा रही है। उनकी बात की पुष्टि रामपुर गार्डन न‍िवासी पूजा भी करती हैं। बोलीं, भाई व पर‍िवार की सलामती की च‍िंता है, एक से दूसरे स्‍थान तक जाने में संक्रमण का खतरा बना रहता है। एहत‍ियातन इस बार भाई के घर नहीं जा रही हूं। डाक के जर‍िये उन्‍हें राखी भेजी है, साथ में दो मास्‍क भी। मुझे यकीन है क‍ि राखी के प्रत‍ि वह ज‍ितनी ज‍िम्‍मेदारी रखेंगे, मेरी ओर से भेजे गए मास्‍क लगाने के प्रत‍ि भी उतनी ही गंभीरता बरतते रहेंगे। सुभाषनगर मेें रहने वाली प्रत‍िभा, ब‍िहारीपुर में रहने वाले सुमन, प्रेमनगर न‍िवासी मीनाक्षी ने भी अपने भाई को राखी के साथ मास्‍क भेजा। कहती हैं क‍ि एक मास्‍क हमेशा के ल‍िए पर्याप्‍त नहीं है। मगर, मेरी ओर से भेजा गया है, इसल‍िए भरेासा है क‍ि उनके द‍िमाग में कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रत‍ि मेरा आग्रह हमेशा रहेगा।

चालीस फीसद ज्‍यादा राख‍ियां भेजी गईं

बरेली के मुख्‍य डाकघर क्षेत्र में पीलीभीत ज‍िला भी शाम‍िल होता है। रक्षाबंधन से एक सप्‍ताह पहले प‍िछले साल करीब पचास हजार राख्‍ाियां व‍िभाग के जर‍िये भेजी गईं थीं। इस बार इनकी संख्‍या चालीस फीसद ज्‍यादा हो गई। कोर‍ियर कंपनी चलाने वाले अवनीश शर्मा बताते हैं क‍ि इस बार दूसरे प्रदेश में गाड‍ियां भेजना कठ‍िन हो रहा। ऐसे में उत्‍तर प्रदेश के ज‍िलों की राखियां ही लीं। इसके बावजूद प‍िछले साल की अपेक्षा इस बार पचास फीसद अधिक ल‍ि‍फाफे कोर‍ियर क‍िए गए हैं।

क्‍या कहती हैं बहनें

रक्षाबंधन पर हर साल भाई के घर जाती थी मगर इस बार नहीं जा सकूंगी। इस बार राखी डाक के जर‍िये भेज दी। साथ में एक मास्‍क भी, ताक‍ि भाई का याद रहे क‍ि कोरोना से सुरक्षा जरूरी है। - प्रति‍भा, सुभाषनगर

इन्‍हीं हालात में त्‍येाहार भी मनाना है। संक्रमण फैलने का खतरा देखते हुए भाई के घर नहीं जा रही। अपनी रक्षा का वचन लेने के लि‍ए भाई को राखी भेजी है और उनकी सुरक्षा का संकल्‍प द‍िलाने के ल‍िए साथ में मास्‍क। - पूजा, रामपुर गार्डन

इस बार डाक से राखियां भेजने वालों की संख्‍या हर बार से ज्‍यादा है। करीब चालीस फीसद अत‍िर‍िक्‍त डाक आई है। कहा जा सकता है कि बडी संख्‍या में बहनें अपने भाइयों के घर न जाकर अपनी राखियां भेज रही हैं।

- पीके स‍िंह, प्रवर डाक अधीक्षक, बरेली 

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