Rohilkhand University : एनिमल साइंस विभाग तैयार करेगा सेंंट्रल लैब, मिलेगी ये सुविधा
विश्वविद्यालय का जंतु विज्ञान विभाग जल्द ही नए रूप में नजर आएगा। यहां अभी रिनोवेशन का काम चल रहा है। इसके बाद यहां सेंट्रल लैब तैयार की जाएगी। इस लैब में कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को भी सुविधा देने की योजना बनी है।
बरेली, जेएनएन। रुहेलखंड विश्वविद्यालय का जंतु विज्ञान विभाग जल्द ही नए रूप में नजर आएगा। यहां अभी रिनोवेशन का काम चल रहा है। इसके बाद यहां सेंट्रल लैब तैयार की जाएगी। इस लैब में कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को भी सुविधा देने की योजना बनी है। इसके अलावा जल्द ही विभाग पीजी डिप्लोमा इन अप्लाइड एक्वा कल्चर की शुरुआत भी करेगा। एक साल के इस कोर्स के दौरान मछली की ब्रीडिंग, उसे पालने के तरीके सिखाए जाएंगे।
दीपावली के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा।जंतु विज्ञान विभाग में माइक्रो बायोलॉजी लैब, दो एमएससी लैब, बायोटेक्नोलॉजी सहित कई लैब संचालित हैं। विभाग के हेड योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि रीनोवेशन के बाद लैब को सेंट्रल फैसेलिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां सारी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
एक साल का होगा डिप्लोमा कोर्स : पीजी डिप्लोमा इन अप्लाइड एक्वा कल्चर एक साल का होगा। इसमें 10 सीटों पर प्रवेश अगले सत्र से होगा। बीएससी जुलॉजी कर चुके छात्र आवेदन कर सकते हैं। इसमें मछली की ब्रीडिंग, मछली पालन के तरीके के तरीके बताए जाएंगे।
तैयार किए जाएंगे टेक्नीशियन : विभाग में छह महीने का टेक्नीशियन कोर्स शुरू करने की योजना है। 12वीं पास साइंस ग्रुप के छात्र-छात्राएं प्रवेश लेकर प्रशिक्षण ले सकेंगे। इसकी फीस बाद में तय होगी। प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को आरबीसी (रेड ब्लड सेल), डब्लूबीसी (व्हाइट ब्लड सेल), हीमोग्लोबिन से जुड़ी तमाम चीजें सिखाई जाएंगी।
ई-लाइब्रेरी भी होगी विकसित : अभी विभाग के छात्र-छात्राएं कोर्स से जुड़ी किताबों के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी में जाते हैं। अब विभाग ई-लाइब्रेरी विकसित करेगा। ताकि छात्र-छात्राओं को सेंट्रल लाइब्रेरी की दौड़ न लगानी पड़े। जो किताब डाउनलोड करना चाहते हैं आसानी से कर सकेंगे। दीपावली के बाद यह तैयार की जाएगी।