Rudrabhishek News : श्रावण मास में यश, वैभव, धन- संपदा के लिए करें रुद्राभिषेक तो रखें इन बातों का ख्याल

Rudrabhishek News भगवान आशुतोष का अभिषेक कई प्रकार के द्रव्यों से किया जाता है हर द्रव्य से अभिषेक का अपना अलग फल होता है। इसके अलावा भगवान शिव की उपासना के दौरान चढ़ाए जाने वाले फूल व पत्ते भी अलग-अलग पुण्य देने वाले होते हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:34 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:55 PM (IST)
Rudrabhishek News : श्रावण मास में यश, वैभव, धन- संपदा के लिए करें रुद्राभिषेक तो रखें इन बातों का ख्याल
Rudrabhishek News : श्रावण मास में यश, वैभव, धन- संपदा के लिए करें रुद्राभिषेक तो रखें इन बातों का ख्याल

बरेली, जेएनएन। Rudrabhishek News : भगवान आशुतोष का अभिषेक कई प्रकार के द्रव्यों से किया जाता है, हर द्रव्य से अभिषेक का अपना अलग फल होता है। इसके अलावा भगवान शिव की उपासना के दौरान चढ़ाए जाने वाले फूल व पत्ते भी अलग-अलग पुण्य देने वाले होते हैं। सावन में भगवान शंकर को प्रसन्न करने के वैसे तो कई तरीके हमें ज्ञात होते हैं, लेकिन किस अभिषेक से भोलेनाथ कौन सा फल देंगे, इस बारे में कई लोगों को मालूम नहीं होता। इस कारण वे कई बार अपनी कामना पूर्ति के लिए भगवान आशुतोष का अभिषेक तो करते हैं, लेकिन किसी ऐसी चीज से जिसका उनकी कामनापूर्ति से कोई तारत्मय नहीं बैठता। फिर भी भोलेनाथ तो भोले ही ठहरे श्रृद्धा से अभिषेक करने वाले की कई बार कामना को जानकर पूरा भी कर देते हैं। आचार्य मुकेश मिश्रा बताते हैं कि शिव पुराण के अनुसार लेकिन हर कोई इतना भाग्यवान नहीं होता इसीलिए कामना के अनुरूप ही भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।

कामना की प्राप्ति के द्रव्यों से करे अभिषेक

1 - जल की धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, अत: शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर भरपूर जलवृष्टि होती है। इसके अतिरिक्त जल से अभिषेक करने से तेज ज्वर भी शांत हो जाता है।

2 - लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।

3 - गाय के दूध से अभिषेक करने पर नि:संतानों को संतान प्राप्त होती है।

4 - शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करने पर बुद्धि की जड़ता समाप्त हो जाती है और बुद्धि श्रेष्ठ होती है।

5 - शहद से अभिषेक करने पर पापों का नाश हो जाता है। साथ ही तपेदिक रोग से छुटकारा मिलता है।

6 - घी से अभिषेक करने पर जीवन में आरोग्यता आती है और वंशवृद्धि होती है।

7 - सरसों के तेल के भगवान का अभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है।

8 - मोक्ष की कामना के लिए तीर्थों के जल द्वारा अभिषेक किया जाता है।

शिव उपासना में फूल-पौधों का महत्व

भगवान शिव की उपासना में बिल्वपत्र का चढ़ावा बहुत ही शुभ और पुण्य देने वाला होता है। बिल्वपत्र का शिव को चढ़ावा जन्म-जन्मान्तर के पाप और दोषों का नाश करता है। शिवपुराण के अनुसार बिल्वपत्र के साथ और भी दूसरे फूल-पौधे हैं जिन्हें भगवान शंकर पर चढ़ाने से कई गुना फल मिलता है...

1- शास्त्रों के मुताबिक शिव पूजा में एक आंकड़े का फूल चढ़ाना सोने के दान के बराबर फल देता है।

2 - इसी तरह एक हजार आंकड़े के फूल के बराबर शुभ फल एक कनेर का फूल शिवलिंग पर चढ़ाने से मिल जाते हैं।

3- एक हजार कनेर के फूल के बराबर एक बिल्वपत्र फल देता है।

4 - हजार बिल्वपत्रों के बराबर एक द्रोण या गूमा फूल फलदायी होता है।

5- हजार गूमा के बराबर शुभ फल एक चिचिड़ा चढ़ाने से ही मिल जाता है।

6- हजार चिचिड़ा के बराबर शुभ फल एक कुश का फूल चढ़ाने मिल जाता है।

7- हजार कुश फूलों के बराबर फल एक शमी का पत्ता ही दे देता है।

8- हजार शमी के पत्तों के बराबर शुभ फल एक नीलकमल देता है।

9- हजार नीलकमल से ज्यादा एक धतूरा फलदायक होता है।

10- हजार धतूरों से भी ज्यादा एक शमी का फूल शुभ और पुण्य देने वाला बताया गया है।

इस तरह शमी का फूल शिव को चढ़ाना तमाम मनचाही कामनाओं को पाने का सबसे श्रेष्ठ उपाय है।

यह चीजें कभी भी न चढ़ाएं शिवलिंग पर

1. केतकी के फूल- कहते हैं कि भगवान शिव ने ब्रह्मा के झूठ में साथ देने पर केतकी के फूल को भी श्राप दिया था और कहा था कि उनके शिवलिंग पर कभी केतकी के फूल को अर्पित नहीं किया जाएगा। तबसे शिव को केतकी के फूल अर्पित किया जाना अशुभ माना जाता है।

2. तुलसी - शिवपुराण के अनुसार असुर जालंधर की पत्नी तुलसी के मजबूत पतिधर्म की वजह से उसे कोई भी देव हरा नहीं सकता था। इसलिए भगवान विष्णु ने तुलसी के पतिव्रत को ही खंडित करने की सोची। वह जालंधर का वेष धारण कर तुलसी के पास पहुंच गए, जिसकी वजह से तुलसी का पतिधर्म टूट गया और भगवान शिव ने असुर जालंधर का वध कर उसे भस्म कर दिया। इस पूरी घटना ने तुलसी को बेहद निराश कर दिया उन्होंने स्वयं भगवान शिव को अपने अलौकिक और दैवीय गुणों वाले पत्तों से वंचित कर दिया।

3. नारियल पानी - कहते हैं शिवलिंग पर नारियल अर्पित किया जाता है लेकिन कभी भी शिवलिंग पर नारियल के पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए। देवताओं को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद ग्रहण करना आवश्यक होता है लेकिन शिवलिंग का अभिषेक जिन पदार्थों से होता है उन्हें ग्रहण नहीं किया जाता। इसलिए शिव पर नारियल का जल नहीं चढ़ाना चाहिए।

4. हल्दी - तो वही हल्दी का प्रयोग स्त्रियों की सुंदरता बनाने के लिए किया जाता है। इसलिए शिवलिंग पर कभी हल्दी नहीं चढ़ाई जाती, क्योंकि वह स्वयं शिव का रूप है।

5. सिंदूर - स्त्रियां अपने पति की लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना हेतु सिंदूर लगाती हैं। लेकिन शिव तो विनाशक हैं, सिंदूर से उनकी सेवा करना अशुभ माना जाता है। 

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