दिल्ली से आई मदद की कॉल के बाद स्वयंसेवकों ने कराया महिला का दाह संस्कार

कोविड संक्रमण में सिर्फ जिंदगी साथ नहीं छोड़ रही। मृत्यु के बाद दाह संस्कार में भी दिक्कतें आ रही है। कर्मचारीनगर में रहने वाले एक परिवार में वृद्ध महिला की कोविड संक्रमण से मौत होने के बाद श्मशानभूमि का रास्ता भी मुश्किल हो चला।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 03:38 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 03:38 PM (IST)
दिल्ली से आई मदद की कॉल के बाद स्वयंसेवकों ने कराया महिला का दाह संस्कार
कर्मचारीनगर के रहने वाले परिवार को नहीं मिल रही थी मदद, स्वयंसेवकों बने सहारा।

बरेली, जेएनएन। कोविड संक्रमण में सिर्फ जिंदगी साथ नहीं छोड़ रही। मृत्यु के बाद दाह संस्कार में भी दिक्कतें आ रही है। कर्मचारीनगर में रहने वाले एक परिवार में वृद्ध महिला की कोविड संक्रमण से मौत होने के बाद श्मशानभूमि का रास्ता भी मुश्किल हो चला। दिल्ली में रहने वाले उनके एक रिश्तेदार ने उनकी मुश्किल हल करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बरेली हेल्पलाइन पर संपर्क किया।

उन्होंने बताया कि अंतेष्टी के लिए लोग आगे नहीं आ रहे है। उनके बेटे अंतिम संस्कार अकेले नहीं कर सकते हैं। महानगर प्रचारक विक्रांत ने कर्मचारीनगर के परिवार से संपर्क किया। फिर छह स्वयंसेवकों ने उनके घर पहुंचकर अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था करने से लेकर श्मशानभूमि तक दाह संस्कार में मदद की। इस दौरान कोविड के प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया।विभाग प्रचारक आनंद ने बताया कि हेल्पलाइन के जरिए हम सभी को मदद दे रहे है। ऑक्सीजन, दवा और भर्ती कराने में स्वयंसेवक मददगार साबित हो रहे है।

हेल्पलाइन की बातचीत

शख्स : मैं दिल्ली से बात कर रहा हूं। बरेली में मेरी मामी का स्वर्गवास हो गया है इस समय मुझे कुछ और ध्यान नहीं आया तो मैंने इंटरनेट से नंबर लेकर आपको कॉल किया।

स्वयंसेवक : बहुत दुख की बात है, जी बताइए हम क्या सहयोग कर सकते हैं।

शख्स : बरेली में मेरे मामा अकेले रहते हैं। अंत्येष्टि कराने में कुछ कार्यकर्ता हमारा सहयोग कर देंगे। बहुत अच्छा हो जाएगा।

स्वयंसेवक : जी, बिल्कुल हम बात करते है, किस स्थान पर किस समय अंत्येष्टि करनी है?

शख्स : 3:30 बजे सिटी श्मशान बरेली में ही।

स्वयंसेवक : ठीक है जी। हमारे कार्यकर्ता बंधु पहुंच जाएंगे।

शख्स : बहुत धन्यवाद आपका। बरेली आकर आपसे जरूर मिलना चाहूंगा

स्वयंसेवक : जी बिल्कुल, फिलहाल अभी आप अंत्येष्टि की तैयारी कीजिये। अपने मामा को सूचना दे दीजिए। हमारे कार्यकर्ता बंधु समय पर पहुंच जाएंगे।

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