Lock down in Bareilly : बरेली में 32 हजार परिवारों का मददगार बना राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ
कोरोना संक्रमण न फैले इसलिए लोग घरों में रहकर लॉक डाउन का पालन कर रहे हैैं।रोज कमाने-खाने वालों के सामने भोजन का संकट न आए इसलिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता जुट गए।
बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण न फैले इसलिए लोग घरों में रहकर लॉक डाउन का पालन कर रहे हैैं। ऐसे में रोज कमाने-खाने वालों के सामने भोजन का संकट न आए, इसके लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता जुट गए। आठ सौ कार्यकर्ताओं ने गली-मुहल्लों में पहुंचकर असहाय, जरूरतमंद 32 हजार परिवारों को सूचीबद्ध कर उनके लिए मदद पहुंचानी शुरू कर दी। किसी को राशन तो किसी को भोजन या तबीयत बिगडऩे पर दवा चाहिए... कार्यकर्ता ये सब पहुंचा रहे। संघ पदाधिकारी कहते हैं कि जब तक लॉक डाउन रहेगा, ऐसे अधिकतम परिवारों तक मदद पहुंचाते रहेंगे।
लॉक डाउन होने के बाद 25 मार्च से ही संघ कार्यकर्ताओं जरूरतमंदों के लिए भोजन पैकेट वितरण शुरू कर दिया था। 31 मार्च तक यह क्रम चलता रहा। इसके बाद बाद दो अप्रैल से ऐसे परिवारों के लिए राशन पैकेट पहुंचाने शुरू कर दिए गए। प्रशासन से अनुमति के बाद सुबह-शाम दो-दो कार्यकर्ता अलग क्षेत्रों में जाकर वितरण करते हैं। प्रत्येक पैकेट में पांच किलो आटा, एक किलो चावल, एक किलो दाल, एक थैली नमक, आधा किलो चीनी, सौ-सौ ग्राम हल्दी व लाल मिर्च और आलू रखे गए हैं। बरेली महानगर में तीन सौ और जनपद में पांच सौ यानी कुल आठ सौ कार्यकर्ता वितरण में लगे हुए हैं।
नौ सौ लोगों की मदद हजारों तक पहुंचेगी
संघ ने इस कार्य में समाज सेवा में सक्रिय रहने वाले करीब 900 लोगों का सहयोग लिया। उनकी मदद से राशन के पैकेट तैयार कराए गए। विभाग संघ चालक केसी गुप्ता बताते हैं कि कार्यकर्ता उन जरूरतमंदों की सेवा में लगे हैं, जिनके पास इन दिनों भोजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। अभी एक सप्ताह का राशन पहुंचाया जा रहा है। चिन्हित किए गए सभी परिवारों के पास सामग्री पहुंचाने के बाद दूसरे चरण का वितरण शुरू करेंगे।
जारी की हेल्पलाइन
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने हेल्पलाइन जारी की है। 8077930098 नंबर पर फोन कर भोजन या राशन की मदद मांग सकते हैं। दवा की जरूरत होने पर भी इस नंबर पर फोन किया जा सकता है। संघ के कार्यकर्ता दवा खरीदकर या भोजन के पैकेट लेकर जरूरतमंदों के घरों तक पहुंच रहे हैं। राशन की जरूरत होती है तो वह भी पहुंचाते हैं।