एनआइआरएफ रैंकिग के लिए आवेदन करेगा रुहेलखंड विश्वविद्यालय

बरेली, जेएनएन: एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में सोमवार को कुलपति प्रो. केपी सिंह की अध्यक्षता में व

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 08:38 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 08:38 PM (IST)
एनआइआरएफ रैंकिग के लिए आवेदन करेगा रुहेलखंड विश्वविद्यालय
एनआइआरएफ रैंकिग के लिए आवेदन करेगा रुहेलखंड विश्वविद्यालय

बरेली, जेएनएन: एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में सोमवार को कुलपति प्रो. केपी सिंह की अध्यक्षता में विवि की कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें आनलाइन व आफलाइन जुड़कर सदस्यों ने प्रतिभाग किया। कुलपति ने विश्वविद्यालय में गठित सभी शैलों, निदेशालय और इकाइयों के संबंध में सभी सदस्यों को इसकी कार्यप्रणाली और संचालन के विषय में बताया।

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क यानी (एनआइआरएफ) रैंकिंग के लिए आवेदन करने जा रहा है। इससे विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचाना जाएगा। बैठक में कुलाधिपति के पत्र द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में प्रदत्त आदेशों, शासनादेश को अंगीकार किया जाना था। कार्य परिषद द्वारा प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। गवर्नर नामिनी डा. बीपी द्विवेदी, डा. आरएस पुंडीर, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. राजीव कुमार, वित्त अधिकारी केके संखवार, डा. बीयू भरतरिया, डा. जेएन मौर्य, डा. विनय ऋषिवाल, डा. एमके सिंह, डा. केके चौधरी, डा. प्रवीण तिवारी, डा. रश्मि रंजन, डा. गौरव राव, डा. सीएम जैन, मयंक अग्रवाल, सुधाकर मौर्य एवं तपन वर्मा, गवर्नर नामिनी डा. रामगोपाल, डा. प्रभा शर्मा, डा. चंद्रकांता सिघल तथा गवर्नमेंट कालेज स्वार के प्राचार्य आनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे। शिक्षक की मृत्यु पर मिलेगी ढाई लाख की राहत राशि

विश्वविद्यालय के शिक्षक कल्याण कोष के लिए कार्य परिषद द्वारा नई नियमावली स्वीकृति मिली। इसके अंतर्गत यदि किसी शिक्षक अचानक मृत्यु होती है तो विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण कोष से उसके परिजनों को एकमुश्त ढाई लाख की राहत राशि दी जाएगी। यदि कोई शिक्षक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार अथवा कांफ्रेंस में सम्मिलित होने के लिए विदेश जाता है तो विश्वविद्यालय के शिक्षक कल्याण कोष से उसे 25 हजार तक की सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय परिसर राजकीय कालेजों, वित्तीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के साथ ही साथ ऐसे स्ववित्तपोषित कालेजों के शिक्षक जो 10 वर्ष से अधिक सेवा कर चुके हो उन्हें भी इसमें समाहित किया गया है।

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