राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई, कहा मास्क लगाने की आदत डालें और अपने साथ दूसरों की चिंता करें

महात्मा ज्योतिबाफुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के 18वेंं दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। कहा डाक्टर वैज्ञानिक और सरकार एक साल से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन लोग मास्क लगाने की आदत नहीं डाल पा रहे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 12:54 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 05:45 PM (IST)
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई, कहा मास्क लगाने की आदत डालें और अपने साथ दूसरों की चिंता करें
एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जताई चिंता।

बरेली, जेएनएन। महात्मा ज्योतिबाफुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के 18वेंं दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। कहाकि हमारे डाक्टर, वैज्ञानिक और सरकार बीते एक साल से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन लोग मास्क लगाने की आदत नहीं डाल पा रहे हैं। हर रोज हजारों लोग संक्रमित हो रहे हैं और कई लोगों की जान जा रही है। इस संक्रमण से बचने के लिए हम सभी को एक साथ प्रयास करने होंगे। मास्क लगाने की आदत डालें, इससे अपने आपको तो बचाएंगी ही साथ ही दूसरों को भी सुरक्षित रख सकेंगे।

दीक्षा समारोह में अपने अध्यक्षी भाषण के दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का पूरा ध्यान कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को कम करने के प्रयास पर ही रहा। उन्होंने कहाकि स्वदेशी वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे लेकर फैलाई जाने वाली किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। बताया कि भारत सरकार की ओर से कुछ दिन पहले सभी राज्यपाल के समक्ष एक प्रजेंटेशन दिया गया। इसमें बताया गया कि दो व्यक्ति अगर आसपास बैठे हैं और मास्क नहीं लगाए हैं तो वह एक माह में 406 लोगों को कोरोना संक्रमित कर संक्रमित कर सकते हैं। वहीं एक व्यक्ति द्वारा मास्क पहनने पर एक माह में मात्र पांच और दोनों के मास्क पहनने पर एक भी व्यक्ति के संक्रमित न होने की संभावना जताई गई। उन्होंने कहाकि सबसे जरूरी मास्क है, उसे लगाने की आदत हर हाल में डालें। घर पर अगर बच्चे और बुजुर्ग हैं तो उनकी देखभाल करें, उनके पास मास्क लगाकर जाएं।

उन्होंने वेक्सीनेशन कराने को लेकर कहा कि सभी विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी है कि वह इसे लेकर लोगों को जागरूक करें। सबसे पहले खुद और अपने स्टाफ को वैक्सीनेश कराएं। इसके बाद विद्यालय के छात्रों और एनएसएस के छात्रों के साथ गांव गांव टोलियां भेजें और जागरूक करें। इसके अलावा शहर के अपार्टमेंट और कालोनियों से भी लोगों को लेकर जाकर वैक्सीनेशन कराएं। राज्यपाल ने कहाकि इस बात का भी ध्यान रखना है कि हमारे वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई वैक्सीन बर्बाद न हो। इसके लिए एक साथ कम से कम नौ से दस लोग ले जाएं। अंत में राज्यपाल ने 2025 टीबी मुक्त भारत की दिशा में भी तेजी से काम करने को कहा है।

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