कोरोना काल में रोडवेज बसों की नहीं हो रही कमाई, जानिये क्यों रोडवेज को सवारियां नहीं मिल रहीं

कोरोना संक्रमण ने रोडवेज की कमाई पर ग्रहण लगा दिया है। कोरोना के चलते बस में गिनती भर के यात्री ही सफर कर रहे हैं। आलम यह है कि यात्री न मिलने की वजह से हर रोज चार से पांच बसें रद्द हो रही हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 04:05 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 04:05 PM (IST)
कोरोना काल में रोडवेज बसों की नहीं हो रही कमाई, जानिये क्यों रोडवेज को सवारियां नहीं मिल रहीं
यात्रियों की राह निहार रहीं बसें, सवारी न मिलने की वजह रद्द हो रहीं बसें।

बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण ने रोडवेज की कमाई पर ग्रहण लगा दिया है। कोरोना के चलते बस में गिनती भर के यात्री ही सफर कर रहे हैं। आलम यह है कि यात्री न मिलने की वजह से हर रोज चार से पांच बसें रद्द हो रही हैं। जिस वजह से रोडवेज निगम को लाखों रुपए का का नुकसान झेलना पड़ रहा है।

आम दिनों में जहां बसों में निर्धारित सीटों से ज्यादा यात्री सफर करते हैं, वहीं संक्रमण के चलते लोग अब बसों में सफर करना उचित नहीं समझ रहे। लोग बस या किसी भी सवारी वाहन की अपेक्षा निजी वाहन से सफर करना ज्यादा सुरक्षित समझ रहे हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि आमदिनों में जहां बरेली रीजन के चारों डिपो की एक दिन की करीब एक करोड़ आय होती है, वहीं कोरोना संक्रमण के चलते हर रोज बमुश्किल अब 20 लाख रुपये हो रही है।

अन्य राज्यों में फिलहाल प्रवेश नहीं : कोरोना संक्रमण के चलते पहले से ही अन्य राज्यों में बसों का संचालन बंद है। बसों को राज्यों के बार्डर तक ही भेजा जा रहा है। महामारी के चलते लोग घरों से बाहर निकल नहीं रहे हैं। ऐसे में यात्रियों के इंतजार में बसों को घंटे खड़े रहना पड़ता है।

पचास फीसदी यात्री की क्षमता से हो रहा बसों का संचालन : बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर 23 अप्रैल को जारी आदेश के अनुसार बसों में पचास फीसदी क्षमता के यात्री ही बिठाकर संचालन हो रहा है। आलाधिकारी के अनुसार नई व्यवस्था का मकसद रोडवेज बसों में आम लोगों के बीच संक्रमण फैलने से रोकना है।

हर रोज लाखों रुपए का हो रहा नुकसान : क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी कहते हैं कि लाकडाउन की वजह से कम सवारियां मिल रही हैं। ऐसे में अधिकांश बसें खड़ी हैं। इससे निगम को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। लेकिन, कोरोना संक्रमण से बचाव जरूरी है।

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