बरेली-मुरादाबाद हाईवे तक पहुंचींं नदियां, मुसाफिरों की राह हुई मुश्किल, किसानों की फसलें हुईं बर्बाद
Flood in Bareilly नदियों के उफान और बाढ़ से अन्नदाता के अरमानों पर पानी फिर गया। जिले में सैकड़ों एकड़ खेतों में जो फसलें चंद रोज पहले तक लहलहा रही थीं। महीनों की मेहनत-मशक्कत कर खेत में तैयार खड़ी फसलें तबाह हो गईं।
बरेली, जेएनएन। Flood in Bareilly : नदियों के उफान और बाढ़ से अन्नदाता के अरमानों पर पानी फिर गया। जिले में सैकड़ों एकड़ खेतों में जो फसलें चंद रोज पहले तक लहलहा रही थीं। महीनों की मेहनत-मशक्कत कर खेत में तैयार खड़ी फसलें तबाह हो गईं। जलमग्न खेतों में अब किसान इन्हें देख हर पल रो रहा है। उधर, बरेली-मुरादाबाद हाइवे समेत कई मुख्य मार्गों के हाल ऐसे थे कि कई फुट जलभराव ने मुसाफिरों की राह रोक दी। फिलहाल प्रशासनिक अमला-जमला मौके पर पहुंचा और राहत व बचाव कार्य में जुटा है। कृषि अधिकारी नुकसान का जायजा ले रहे हैं। वहीं रसद विभाग फौरी मदद में जुट गया है।
हाईवे से मुड़े तो संपर्क मार्गों पर घंटो जूझे : दोपहिया और छोटे वाहन ही नहीं डीसीएम, ट्रक और बस जैसे भारी वाहन भी जलभराव का शिकार बने। बरेली-मुरादाबाद हाइवे पर राहगीर कहीं ट्रक तो कहीं बस को धक्का देते नजर आए। इसके अलावा मीरगंज, बहेड़ी और नवाबगंज में भी जिले में दाखिल होना काफी मुश्किल था। वजह कहीं एक फुट तो कहीं-कहीं तीन फुट तक पानी भरा था। ऐसे में जिले के मुख्य मार्गों पर ही सैकड़ों वाहन फंसे नजर आए। जो, वाहन हाइवे व मुख्य मार्गों पर हुए जलभराव से बचने के लिए संपर्क मार्गों की ओर मुड़े वो अंदरूनी इलाकों में भी जलभराव की वजह से घंटों जूझते रहे।
जलभराव के बाद संक्रामक रोगों से बचने की कवायद : जिले के ग्रामीण इलाकों में कई जगह जलभराव की स्थिति हो गई है। क्योंकि ऐसे माहौल के बाद अमूमन संक्रामक बीमारियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.बलवीर सिंह ने बहेड़ी तहसील पहुंचकर वहां कुछ गांवों के हालात का जायजा लिया। यही नहीं, उन्होंने संबंधित इलाकों के चिकित्सा अधिकारियों को भी सजग रहने और स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्थाएं पुख्ता रखने को कहा। वहीं आशा व एएनएम से गांवों में अधिकतम लोगों के संपर्क में रहने के निर्देश दिए।प्रभावित गांवों में निरीक्षण के दौरान लोगों ने सीएमओ को घर में घुसा पानी दिखाया। सीएमओ ने साथ मौजूद चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि जलभराव से संक्रामक रोग न फैले इसलिए स्थानीय सीएचसी, पीएचसी और स्वास्थ्यकर्मी दवा बांटे। लोगों के संपर्क में रहें और किसी आपात स्थिति में तत्काल इलाज मुहैया कराएं।