बरेली में धर्मदत्त सिटी अस्पताल के नवीनीकरण की फाइल हुई लापता, होना है लाइसेंस का निरस्तीकरण

धर्मदत्त सिटी हॉस्पिटल को कब्जे में लेने से पहले नगर आयुक्त ने सीएमओ को पत्र भेजकर वहां से मरीजों को शिफ्ट करने को कहा है। इसके साथ ही अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने को भी कहा है। बताया है कि अक्टूबर 2016 में अस्पताल का लाइसेंस निरस्त हो चुका है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 09:37 AM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 09:37 AM (IST)
बरेली में धर्मदत्त सिटी अस्पताल के नवीनीकरण की फाइल हुई लापता, होना है लाइसेंस का निरस्तीकरण
बरेली में धर्मदत्त सिटी अस्पताल के नवीनीकरण की फाइल हुई लापता, लाइसेंस निरस्तीकरण की होनी है कार्रवाई

 बरेली, जेएनएन। धर्मदत्त सिटी हॉस्पिटल को कब्जे में लेने से पहले नगर आयुक्त ने सीएमओ को पत्र भेजकर वहां से मरीजों को शिफ्ट करने को कहा है। इसके साथ ही अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने को भी कहा है। बताया है कि अक्टूबर, 2016 में अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया जा चुका है। इसके बावजूद अस्पताल चल रहा है। वहीं, पता चला है कि सीएमओ कार्यालय से अस्पताल के लाइसेंस के नवीनीकरण की फाइल ही लापता हो गई है।

नगर आयुक्त के पत्र के अनुसार धर्मदत्त वैद्य सिटी आयुर्वेदिक चैरिटेबल हॉस्पिटल के लिए प्लाट संख्या 82 से 85 सी की भूमि पट्टे पर दी गई थी। पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करने पर नगर निगम बोर्ड ने छह मार्च, 2003 को पट्टे का अनुबंध निरस्त कर दिया। इसके खिलाफ अस्पताल प्रबंधन ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। हाईकोर्ट ने अस्पताल के खिलाफ ही आदेश दे दिए। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। उस याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर, 2012 को खारिज कर दिया।

इसके बाद 28 अक्टूबर, 2016 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया। नगर आयुक्त के मुताबिक अवैधानिक तरीके से चल रहे सिटी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जाना जरूरी है, ताकि कब्जा खाली कराते समय किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। नगर आयुक्त ने मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराने के साथ ही गलत तरीके से चल रहे अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने को भी कहा है।

नहीं मिल रही फाइल: नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार अक्टूबर, 2016 को अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। उसके बाद कब दोबारा लाइसेंस का नवीनीकरण किया गया, इसका पता नहीं चल रहा है। सीएमओ कार्यालय में इसकी फाइल भी नहीं मिल रही है।

बाबू से पूछताछ में पता चला कि अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन संबंधी कोई अलग फाइल नहीं है। बस नाम दर्ज हैं। बुधवार को धर्मदत्त अस्पताल संबंधी रिकॉर्ड चेक कराया जाएगा। - डॉ. एसके गर्ग, सीएमओ

धर्मदत्त अस्पताल पर निगम को कब्जा लेना है। नगर आयुक्त ने सीएमओ को पत्र भेजकर मरीजों को शिफ्ट करने व उसका लाइसेंस निरस्त करने को कहा है। - अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त

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