बरेली में अपात्रों से किसान सम्मान निधि की रिकवरी शुरू

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का शासन स्तर पर हुए सत्यापन में गड़बड़झाला उजागर होने पर अब अपात्रों से रिकवरी शुरू हो गई है। बरेली मंडल में करीब 18 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दी जा रही है। इनमें से 55243 अपात्र हैं। बावजूद इसके खाते में रकम जा रही थी। पात्रों के सत्यापन का काम कृषि और राजस्व विभाग के बीच अटक गया। बिना सत्यापन के ही लोगों के खातों में रकम भेजी जाने लगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 07:44 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 07:44 PM (IST)
बरेली में अपात्रों से किसान सम्मान निधि की रिकवरी शुरू
बरेली में अपात्रों से किसान सम्मान निधि की रिकवरी शुरू

जागरण संवाददाता, बरेली: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का शासन स्तर पर हुए सत्यापन में गड़बड़झाला उजागर होने पर अब अपात्रों से रिकवरी शुरू हो गई है। बरेली मंडल में करीब 18 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दी जा रही है। इनमें से 55,243 अपात्र हैं। बावजूद इसके खाते में रकम जा रही थी। पात्रों के सत्यापन का काम कृषि और राजस्व विभाग के बीच अटक गया। बिना सत्यापन के ही लोगों के खातों में रकम भेजी जाने लगी। बरेली मंडल में अपात्रों की संख्या

बरेली : 16,707

शाहजहांपुर : 9,976

बदायूं : 15,743

पीलीभीत : 12,817 इन बिदुओं पर अब भी पड़ताल जारी

आयकरदाता, मृतक, गलत बैंक खाता, फर्जी आधार कार्ड, भूलेख आदि बिदुओं पर सरकार की ओर से तकनीकी रूप से पड़ताल कराई जा रही है। पीलीभीत और बदायूं में हाल ही में कुछ एक मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें सम्मान निधि पाने के लिए फर्जी आधार कार्ड के साथ फर्जी बैंक खाता भी खुलवाया गया है। भूलेख संबंधी फर्जी कागजात का इस्तेमाल किया गया है।

बड़ी संख्या में अपात्रों से हो चुकी रिकवरी

सम्मान निधि का लाभ लेने वाले अपात्रों से वसूली का क्रम जारी है। अब तक 30 फीसद अपात्रों के खाते में भेजी गई रकम की रिकवरी बैंक के माध्यम से हो चुकी है। शेष से रिकवरी की प्रक्रिया जारी है। रिकवरी की धनराशि भारत सरकार के कोष में जमा कराई जाएगी।

वर्जन

जांच में जो लोग अपात्र मिले थे, उनमें आयकरदाता भी शामिल हैं। अपात्रों को रिकवरी नोटिस जारी की जा रही है। रिकवरी के बाद इस पैसे को भारत सरकार के कोष में जमा कराया जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने पर रिपोर्ट शासन को भी भेजी जाएगी।

- डा. रामवीर कटारा, संयुक्त निदेशक, कृषि

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