रेलवे ने दोगुनी की मालगाड़ियों की रफ्तार, लूप लाइन में 30 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से चलेगी मालगाड़ी, जानिए वजह

Goods Train Double Speed News पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल ने अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ा दी है। जिसके चलते मालगाड़ियां दोगुनी रफ्तार से रेलवे ट्रैक पर दौड़ रही है। इसके अलावा लूपलाइन में भी 30 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से चलेगी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 03:37 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 03:37 PM (IST)
रेलवे ने दोगुनी की मालगाड़ियों की रफ्तार, लूप लाइन में 30 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से चलेगी मालगाड़ी, जानिए वजह
रेलवे ने दोगुनी की मालगाड़ियों की रफ्तार, लूप लाइन में 30 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से चलेगी मालगाड़ी

बरेली, जेएनएन। Goods Train Double Speed News : पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल ने अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ा दी है। जिसके चलते अब मालगाड़ियां दोगुनी रफ्तार से रेलवे ट्रैक पर दौड़ रही है। इसके अलावा अब मालगाडी लूपलाइन में भी 15 की बजाय 30 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से चलेगी। रेलवे ने मालगाडियों की स्पीड को ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के लिहाज से भी बढ़ाया है। इसके लिए ‘बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट‘ स्थापित की गई है।

मालगाड़ियों को औसत गति जो कि लगभग 23 किमी. प्रति घंटा हुआ करती थी, उसे गत वित्त वर्ष में बढ़ाकर लगभग 46 किमी. प्रति घंटा किया गया था। हालांकि उस दौरान सवारी एवं मेल एक्सप्रेस ट्रेनें कम संख्या में चली थीं। इस वित्त वर्ष में जबकि ज्यादातर सवारी एवं मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, इसके बावजूद भी पूर्वोत्तर रेलवे पर गुड्स ट्रेनों की औसत गति निरन्तर 50 किमी. प्रति घंटा से ज्यादा रही है।

पूर्वोत्तर रेलवे इस दौरान ज्यादातर दिनों में गुड्स ट्रेनों की औसत गति के मामले में सम्पूर्ण भारतीय रेल पर प्रथम अथवा द्वितीय स्थान पर रहा है। मालगाड़ियों की औसत गति बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे पर अनेक कार्य किये गये हैं जैसे कि जिन खण्डों में सेक्शनल स्पीड, निर्धारित क्षमता से कम थी, उसे बढ़ाया गया है। लूप लाइनों की गति सीमा को 15 किमी. प्रति घंटा से बढ़ाकर 30 किमी. प्रति घंटा किया गया है।

सिगनलिंग व्यवस्था बेहतर की गई है, क्रैक गुड्स ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है। लोको पायलट, सहायक लोको पायलटों की नियमित काउन्सिलिंग की जाती है। इन ट्रेनों के संचलन की उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग की जाती है। इन ट्रेनों की गति बढ़ने से इसका सीधा लाभ व्यापार से जुड़े लोगों, किसानों एवं छोटे उद्यमियों को मिल रहा है। सामान किफायती दर से कम समय में गन्तव्य स्थानों तक पहुँच जा रहा है तथा खाली वैगन पुनः लोडिंग के लिए जल्दी उपलब्ध हो जा रहे हैं। 

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