संपत्तियां होंगी ऑनलाइन, किराया भी जमा कर सकेंगे दुकानदार
निगम की संपत्तियों का लैंड बैंक बनाने की तैयारी है। इसके लिए पिछले दिनों सर्वे भी हो चुका है। लैंड बैंक बनने से एक तरफ निगम को अपने किसी भी प्रोजेक्ट के लिए जमीन तलाशने में आसानी ह
बरेली, जेएनएन। नगर निगम का कामकाज कागजों से निकलकर तेजी से ऑनलाइन हो रहा। इसी कड़ी में निगम की संपत्तियों का लैंड बैंक बनाने की तैयारी है। इसके लिए पिछले दिनों सर्वे भी हो चुका है। लैंड बैंक बनने से एक तरफ निगम को अपने किसी भी प्रोजेक्ट के लिए जमीन तलाशने में आसानी तो होगी ही। आम लोग खासकर नगर निगम की दुकानों के किराएदार भी ऑनलाइन टैक्स जमा कर सकेंगे। यानी निगम तक की दौड़ बचेगी। इसके अलावा निगम की संपत्ति अपनी बताकर कोई अवैध रूप से बेच भी नहीं सकेगा।
सॉफ्टवेयर किया जाएगा तैयार संपत्तियां ऑनलाइन करने के लिए नगर निगम को नया सॉफ्टवेयर इजाद कराया जाएगा। इसके लिए अधिकारी सॉफ्टवेयर बनाने वाली कुछ कंपनियों से बातचीत भी कर रहे। इसकी जरूरत तब महसूस हुई जब इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर बनाने के लिए जमीन खोजी जा रही थी। सदर तहसील ने कराया था सर्वे कुछ समय पहले सदर तहसीलदार ने सर्वे कराने के बाद शहर में नगर निगम की संपत्तियों का रिकॉर्ड तैयार किया था। अब इन सभी संपत्तियों को ऑनलाइन फीड किया जाएगा। वहीं, छूटी संपत्तियों का सर्वे अलग से होगा।
सॉफ्टवेयर तैयार करवाने की तैयारी चल रही है जल्द ही न सिर्फ दुकानदार ऑनलाइन किराया जमा करेंगे बल्कि संपत्तियां भी ऑनलाइन होंगी। - अजीत कुमार सिंह, संयुक्त नगर आयुक्त