प्रियंका वाड्रा ने संभाली यूपी वेस्ट की कमान, विधानसभा टिकट की दावेदारी के लिए रखी यह शर्त

कांग्रेस में पश्चिमी उप्र. की कमान भी प्रियंका वाड्रा के हाथ आने के बाद पार्टी की गतिविधियां भी तेज हो गई है। जिला व महानगर की कमेटी बनने के साथ ही जिलों व मंडल प्रभारी भी नियुक्त कर दिए हैं। तैयारी अगले साल होने वाले जिला पंचायत चुनाव की है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 09:48 AM (IST)
प्रियंका वाड्रा ने संभाली यूपी वेस्ट की कमान, विधानसभा टिकट की दावेदारी के लिए रखी यह शर्त
प्रियंका वाड्रा ने संभाली यूपी वेस्ट की कमान वाली खबर में फाइल फोटो

बरेली, जेएनएन। कांग्रेस में पश्चिमी उप्र. की कमान भी प्रियंका वाड्रा के हाथ आने के बाद पार्टी की गतिविधियां भी तेज हो गई है। जिला व महानगर की कमेटी बनने के साथ ही जिलों व मंडल प्रभारी भी नियुक्त कर दिए हैं। तैयारी, अगले साल होने वाले जिला पंचायत चुनाव की है। इसी में कर्मठता दिखाने वाले विधानसभा टिकट के दावेदार माने जाएंगे। कांग्रेस ने अपनी छोटी इकाइयों का काफी गंभीरता से लेना शुरू किया है।

कार्यकर्ताओं को गांवों में सदस्य बनाने को कहा गया है। वहां ग्राम कमेटी का गठन भी उन्हें कराना है। मंशा, बूथ लेवल से लेकर पार्टी को मजबूत करने की है। कांग्रेस किसी भी सूरत में अपनी खोई जमीन वापस लेने की तैयारी में जुटी है। फिलहाल तैयारी अगले साल होने वाले जिला पंचायत चुनाव की हो रही है, लेकिन यह चुनाव काफी हद तक वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा की तस्वीर साफ कर देगा।

शीर्ष नेतृत्व से नेताओं को साफ निर्देश हैं कि अगर जो काम नहीं करेगा, उसे पार्टी में रहने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए पदाधिकारियों की हर छह महीने में समीक्षा भी शीर्ष नेतृत्व कर रहा है। जिला पंचायत चुनाव में सक्रियता ही विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारी तय करेगी। एक विधानसभा क्षेत्र में पांच से छह सीटें जिला पंचायत की होती है।

इसलिए विधानसभा का टिकट पाने के इच्छुक नेताओं को जिला पंचायत चुनाव में दम दिखाना होगा। जो जितनी सीटें दिलाएगा, उसका टिकट उतना ही पक्का होगी। जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलेनी ने बताया कि पार्टी बूथ स्तर तक कार्य कर रही है। सभी कार्यकर्ताओं के काम की निगरानी हो रही है। काम नहीं करने वालों पर कार्रवाई भी हो रही है।

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