बरेली में हर तीन किलोमीटर में दोगुने हो जाते सब्जियों के दाम, जानिए क्या है वजह, क्या भाव बिक रहा टमाटर

शहरी क्षेत्र के लोगों को महंगी मिलने वाली सब्जियों का मूल्य किसानों को बेहद कम मिल रहा है। यह बात शायद आपको और हैरान करेगी कि मंडी समिति से बाहर निकलते ही सब्जियों के दाम डेढ़ गुने हो जाते हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:29 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:13 PM (IST)
बरेली में हर तीन किलोमीटर में दोगुने हो जाते सब्जियों के दाम, जानिए क्या है वजह, क्या भाव बिक रहा टमाटर
बरेली में हर तीन किलोमीटर में दोगुने हो जाते सब्जियों के दाम, जानिए क्या है वजह

बरेली, जेएनएन। शहरी क्षेत्र के लोगों को महंगी मिलने वाली सब्जियों का मूल्य किसानों को बेहद कम मिल रहा है। यह बात शायद आपको और हैरान करेगी कि मंडी समिति से बाहर निकलते ही सब्जियों के दाम डेढ़ गुने हो जाते हैं। बरेली की डेलापीर मंडी से श्यामगंज पुल के नीचे लगने वाली मंडी में सब्जियों के दामों में करीब दोगुने का अंतर हो जाता है। डेलापीर मंडी के थोक बाजार में जहां टमाटर 30 रुपये किलो बिक रहा है, वहीं, प्याज छह तो नया आलू महज सात रुपये प्रति किलो बिक रहा है। इस पर आढ़त खर्च और पल्लेदारी का खर्च और देना पड़ता है।

बीते सप्ताह शतक लगा रही मटर और 80 के पार जा रहा टमाटर खरीदने में आमजन की जेब ढीली हो रही थी। सब्जियां महंगी होने की चर्चा घर की रसोई से लेकर बाजार तक अक्सर हो रही थी, लेकिन इन दिनों सब्जियों की कीमतों में बेहताशा कमी हुई, लेकिन फुटकर बाजार और गलियों में अब भी सब्जियां महंगी बिक रहीं हैं। इसकी पड़ताल करने के लिए दैनिक जागरण की टीम डेलापीर मंडी पहुंची तो सब्जियों की महंगाई की हकीकत का पता चला। इस चार्ट से सब्जियों की थोक और फुटकर कीमतों के बीच अंतर पता कर सकते हैं।

सब्जी थोक मूल्य - फुटकर मूल्य

नया आलू 20 - सात

पुराना आलू 15 - छह

टमाटर 60 - 30

प्याज 30 - 15

मटर 60 - 38

बैगन 30 - सात

हरी मिर्च 30 - 12

फूलगोभी 20 - तीन

शिमला मिर्च 40- 18

अदरक 60 - 25

गाजर 30 - आठ

खीरा 30 - 10

(सब्जियों की कीमत प्रति किलो रुपये में हैं।)

सब्जी खरीदने के अलावा हैं तमाम खर्चे : सुनील

श्यामगंज मंडी में सब्जी के फुटकर विक्रेता सुनील मौर्य ने बताया कि सब्जी मंडी से सब्जी खरीदने के बाद वहां पर आढ़त का खर्च, पल्लेदारी खर्च और ढुलाई भाड़ा का खर्च काफी हो जाता है। इसके साथ ही सब्जियां काफी खराब भी हो जाती हैं। इस वजह से वहां मिलने के रेट और बिक्री के रेट में अंतर होता है।

दिसंबर में सब्जियों की कीमतों में भारी कमी आई है। कई सब्जियों की कीमतें आधी रह गई हैं। सलीम खां, आढ़ती, डेलापीर सब्जी मंडी

आलू, प्याज और टमाटर की कीमतों की सबसे ज्यादा गिरावट आई है। एक सप्ताह पहले सब्जियों के रेट काफी महंगे थे।राहुल सोनकर, शेरावाली माता ट्रेडिंग कंपनी, डेलापीर सब्जी मंडी

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