दुआओं की फेसबुक, मदद का वाट्सएप, इंटरनेट मीडिया के जरिए बरेली के युवा कर रहे संक्रमिताें की मदद

तकनीकि के इस युग में कोरोना संक्रमण जैसी महामारी में इंटरनेट मीडिया संक्रमितों की मदद के लिए बड़ा माध्यम बनकर सामने आया है। जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने के बाद मदद के लिए समाजसेवी संस्थाएं और युवाओं की टोली मदद करने में जुटी हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 05:46 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 05:46 PM (IST)
दुआओं की फेसबुक, मदद का वाट्सएप, इंटरनेट मीडिया के जरिए बरेली के युवा कर रहे संक्रमिताें की मदद
दुआओं की फेसबुक, मदद का वाट्सएप, इंटरनेट मीडिया के जरिए बरेली के युवा कर रहे संक्रमिताें की मदद

बरेली, जेएनएन।  तकनीकि के इस युग में कोरोना संक्रमण जैसी महामारी में इंटरनेट मीडिया संक्रमितों की मदद के लिए बड़ा माध्यम बनकर सामने आया है। जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने के बाद मदद के लिए समाजसेवी संस्थाएं और युवाओं की टोली मदद करने में जुटी हैं। किसी ऑक्सीजन चाहिए हो या किसी को अस्पताल में बेड की जरूरत हो। वाट्सएप पर समस्या डालते ही लोग उसे हल कर दे रहे हैं। वहीं फेसबुक पर एक दूसरे के जानने वाले उनके ठीक होने के लिए दुआएं कर रहे हैं।

जिले में तकरीबन 30 वाट्सएप ग्रुप बनाए गए। वाट्सएप के जरिए जहां संक्रमितों की मदद की जा रही है, वहीं फेसबुक भी इसका बड़ा माध्यम बना है। इसमें लोगों की सलामती और उनके स्वस्थ होने की दुआएं की जा रही हैं। जिले से प्रतिदिन फेसबुक पर कोरोना से जुड़ी हुई 300 से 400 पोस्ट की जा रही हैं। फेसबुक पर हैजटेग कोरोना लिखने पर बरेली से जुड़ी 300 पोस्ट प्रतिदिन सामने आ रही हैं। यही हाल ट्विटर का भी है। ट्विटर पर भी कोरोना से जुड़ी प्रतिदिन 150 से 200 ट्विट किए जा रहे हैं। वाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर जैसे अन्य माध्यमों के जरिए जिले के कई कोविड पेंशेंट को मदद मिली है।

 इन नाम से बनाए गए वाट्सएप ग्रुप

कोविड मरीजों की मदद के लिए जिले में करीब तीस वाट्सएपग्रुप बनाए गए है। इनमें कोविड पेशेंट हेल्प बरेली, आओ कोरोना मरीजों की मदद करें, मरीजों के लिए भोजन, कोविड हेल्प ग्रुप, यूथ इंडिया कम-गो कोरोना, कोविड पेशेंट मेडीसिन हेल्प आदि प्रमुख हैं।

फेसबुक से हुआ खाने का इंतजाम

शहर के एजाज नगर गौटिया निवासी राजेश और उनकी पत्नी दोनो पॉजिटिव थीँ। घर में और कोई न होने के चलते खाना आदि की दिक्कत आ रही थी। ऐसे में फेसबुक पर एक समाजसेवी की ओर से डाली गई पोस्ट राजेश ने देखी। राजेश ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर दिए नंबर से बात की और अब प्रतिदिन घर पर भोजन आ रहा है।

वाट्सएप ग्रुप से मिला ऑक्सीजन युक्त बेड

ग्रीन पार्क निवासी 32 वर्षीय युवक को ऑक्सीजन समेत बेड चाहिए था। उनके किसी रिश्तेदार ने एक वाट्सएप ग्रुप पर इसकी जानकारी दी। इसके बाद ग्रुप के सदस्य जुट गए बेड का पता लगाने में और तीन मिनट के भीतर तीन अस्पतालों में बेड की उपलब्धता बताई। बाद में मरीज को रोहिलखंड अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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