छप्पर के नीचे चल रहे थाने, खतरे के साये में पुलिस की पहरेदारी

जोन मुख्यालय के थाने अपनी ही दुर्दशा पर रो रहे हैं। यहां पुलिस की पहरेदारी ही खतरे के साये में है। जनपद के 29 थानों में कोई भी थाना ऐसा नहीं है जो नजीर पेश कर सके। भुता थाना छप्पर के सहारे है। सिर्फ दो कमरे ही बने हुए हैं।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 07:48 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 07:48 AM (IST)
छप्पर के नीचे चल रहे थाने, खतरे के साये में पुलिस की पहरेदारी
यहां पुलिस की पहरेदारी ही खतरे के साये में है।

 बरेली, जेएनएन।  जोन से जुड़े मुरादाबाद जनपद के कांठ थाने को देश के टॉप टेन पुलिस थानों में आठवां स्थान मिला है। दूसरी ओर जोन मुख्यालय के थाने अपनी ही दुर्दशा पर रो रहे हैं। यहां पुलिस की पहरेदारी ही खतरे के साये में है। जनपद के 29 थानों में कोई भी थाना ऐसा नहीं है जो नजीर पेश कर सके। अलीगंज थाना तो पिछले पांच सालों से निष्प्रोज्य बिल्डिंग में संचालित हो रहा है। नई बिल्डिंग के निर्माण को लेकर कई बार प्रस्ताव बने। अधिकारियों ने मौका-मुआयना भी किया लेकिन, बिल्डिंग नहीं बन सकी। वहीं, भुता थाना छप्पर के सहारे है। सिर्फ दो कमरे ही बने हुए हैं। अलीगंज और भुता थाना तो महज उदाहरण हैं। शहर कोतवाली की बिङ्क्षल्डग का कुछ हिस्सा भी जर्जर है। अन्य थानों की बिल्डिंग  की भी यहीं स्थिति है। हालांकि, बारादरी में निर्माण कार्य चल रहा है।


कभी भी हो सकता है हादसा
अलीगंज थाने की छत का प्लास्टर उखडऩे से सरिया तक दिखने लगी हैं। किसी भी समय छत गिरने का डर बना रहता है। इसके चलते थाने के ज्यादातर पुलिसकर्मी बाहर किराए पर मकान लेकर रहने का मजबूर हैं। भुता थाने के पुलिसकर्मियों का भी यही हाल है।


क्या कहते हैं एडीजी जोन

एडीजी जोन अविनाश चंद्र का कहना है कि बिल्डिंग  के साथ बेहतर व्यवस्थाओं को लेकर लगातार कार्य किया जा रहा है। मुरादाबाद का कांठ थाना इसका उदाहरण है। अलीगंज थाने की बिल्डिंग निष्प्रोज्य घोषित है। भुता थाने की निष्प्रोज्य बिल्डिंग गिराई भी जा चुकी है। इन दोनों थानों की बिल्डिंग को नए सिरे से बनाए जाने को लेकर काम चल रहा है।

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