Jholachap Treatment in UP : यूपी के इस गांव में बुखार के मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़, झोलाछाप कर रहे इलाज
Jholachap Treatment News यूपी के शाहजहांपुर के बाडीगांव में बुखार के मरीज कम नहीं हो रहे है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास जाने के बजाय मरीज झोलाछाप से ही इलाज करा रहे है। जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी गांव में दो बार कैंप लग सका है।
बरेली, जेएनएन। Jholachap Teatment News : यूपी के शाहजहांपुर के बाडीगांव में बुखार के मरीज कम नहीं हो रहे है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास जाने के बजाय मरीज झोलाछाप से ही इलाज करा रहे है। जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी गांव में 20 दिन में महज दो बार ही कैंप लग सका है।
जिले में में बुखार का प्रकोप सितंबर माह से फैला है। विकासखंड भावलखेड़ा के बाडीगांव में इसको लेकर स्थिति गंभीर होती जा रहा है। यहां 100 से अधिक ग्रामीण बुखार से पीड़ित है। जिसमे बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक शामिल है। 20 दिन पहले तक गांव में गंदगी के ढेर लगे रहते थे। लेकिन दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन ने साफ-सफाई कराई लेकिन मरीजों को बेहतर उपचार कराने के लिए अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं किए। यहां सामान्य तौर पर दो बार कैंप लगाकर मरीजों को सिर्फ दवा बांट दी गई। लेकिन दवा से सुधार न होने पर मरीज फिर झोलाछापों के पास ही उपचार कराने को मजबूर हो रहे है।
यह है बुखार से पीड़ित
सगीर, मोहम्मद यामीन, सद्दाक, मोहम्मद ताहिर, मोहम्मद अयूब, अकरम, कलीम, कामरान, फैजान, आदिल, तौफीक, मुकीम, तबरेज, रियाज काफी दिनों से बुखार से पीड़ित है। इसी तरह गांव के फैजान, वसीम, दिलावर, रवीना, वारिस, सना, निजामुद्दीन, साहिल, अनीस, एजाज, जलील, आमिर, शाबाद, तोताराम, गिरीश, रुखसाना, जहूर, सरदार, उस्मान, कल्लू, भल्लू आदि भी बुखार से पीड़ित है।
इनकी सुनें
हर दूसरे घर में एक से दो व्यक्ति बुखार से पीड़ित है। जो आर्थिक रूप से कमजोर है वह झोलाछापों से ही इलाज करा रहे है। नजीर
गांव में बुखार का प्रकाेप फैले धीरे-धीरे एक माह होता जा रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों की जांच कराने को लेकर कोई खास ध्यान नहीं दिया। शाहिद खान
गांव में कई मरीज मलेरिया व डेंगू के भी मिल चुके है। लेकिन उपचार या तो झोलाछाप या फिर निजी अस्पताल में ही चल रहा है। गांव में ही बेहतर उपचार मिलना चाहिए। सरताज खान
पूरे गांव में बुखार का प्रकोप फैला है। फागिंग भी कई बार कराई जा चुकी है। लेकिन उसके बाद भी मरीज कम नहीं हो रहे है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। सोफिया बेगम, प्रधान
बाडीगांव में संक्रमण फैलने की जानकारी है। दो बार टीमें भी भेजी जा चुकी है। कुछ ऐसी जांचे है जो गांव में संभव नहीं है। इस लिए मरीजों को अस्पताल तक लाने का प्रयास किया जा रहा है। डा. राजीव भारती, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी भावलखेड़ा