कोरोना संक्रमण से मरने वालों की याद में उनके स्वजन लगाएंगे पौधे

ोरोना संक्रमण ने कई दर्द दिए। किसी की मांग का सिदूर उजड़ा तो किसी का कमाऊ बेटा चला गया। न मालूम कितने अनाथ हुए कितने परिवार बिखर गए। उनकी यादों को संजोने के लिए वन विभाग ने अनूठी पहल की है। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में कोविड वाटिका विकसित कर कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों की यादों को संजोया जाएगा। कोरोना योद्धा इसमें पौधे लगाएंगे साथ ही जिन्होंने अपनों को खोया है वे भी उनकी याद में पौधारोपण कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:47 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:47 PM (IST)
कोरोना संक्रमण से मरने वालों की याद में उनके स्वजन लगाएंगे पौधे
कोरोना संक्रमण से मरने वालों की याद में उनके स्वजन लगाएंगे पौधे

बरेली, जेएनएन: कोरोना संक्रमण ने कई दर्द दिए। किसी की मांग का सिदूर उजड़ा तो किसी का कमाऊ बेटा चला गया। न मालूम कितने अनाथ हुए, कितने परिवार बिखर गए। उनकी यादों को संजोने के लिए वन विभाग ने अनूठी पहल की है। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में कोविड वाटिका विकसित कर कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों की यादों को संजोया जाएगा। कोरोना योद्धा इसमें पौधे लगाएंगे, साथ ही जिन्होंने अपनों को खोया है, वे भी उनकी याद में पौधारोपण कर सकेंगे। हर पौधे पर नेम टैग लगाया जाएगा, ताकि वहां जाने पर यादें जीवंत हो उठें। इसके अलावा इस वाटिका में अधिकांश ऐसे पौधे रोपे जाएंगे जो ज्यादा आक्सीजन देते हैं। यह बगिया सांसों की सौगात देने के साथ ही यादों को भी महकाएगी।

क्यारा ब्लाक के मंझा गांव में वन विभाग 150 हेक्टेयर भूमि में जापानी मियावाकी तकनीक पर आधारित ग्राम्य वन विकसित कर रहा है। इसे पिकिनक स्पाट के रूप में विकसित करने की जिला प्रशासन की योजना है। इसी के बगल में एक हेक्टेयर भूमि कोविड वाटिका के लिए आरक्षित की गई है। भूमि चिह्नित कर उसे पौधारोपण के लिए तैयार किया जा रहा है। चारों ओर से कंटीले तारों से घेराबंदी की जा रही है। पौधा लगाने के लिए वन विभाग ने गड्ढे खोदने भी शुरू कर दिए हैं। जुलाई के प्रथम सप्ताह में यहां पौधारोपण कराने की तैयारी है। आपदा के दौरान जिन स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों व फ्रंट लाइन वर्कर्स ने उल्लेखनीय कार्य किया है, उनको पौधारोपण के लिए आमंत्रित किया जाएगा। उनके द्वारा रोपे गए पौधों पर उनके नाम की पट्टिका लगाई जाएगी। साथ ही कोरोना के चलते जो लोग असमय काल कवलित हो गए, उनके स्वजन भी उनकी याद में यहां पौधारोपण कर सकेंगे। उनके द्वारा लगाए गए पौधों पर कोरोना का शिकार हुए उनके स्वजन के नाम की पट्टिका लगाई जाएगी।

यह पौधे लगाएं जाएंगे

पीपल, बरगद, नीम, आंवला, तुलसी, आम, बेल, पाकड़, गूलर, सेमल, जामुन, अर्जुन, पारिजात, करौंदा, अमरूद, बेर, शमी समेत अन्य पौधों को लगाया जाएगा।

छांव के साथ मिलेगा सुकून

इस वाटिका में आने पर जहां स्वजन के नाम का पौधा देखकर लोगों की यादें ताजा होंगी, वहीं इससे लोगों का भावनात्मक लगाव भी बढ़ेगा। वाटिका में लगे आक्सीजन देने वाले पेड़ लोगों की सांसों को ताजगी से भर देंगी।

वर्जन

कोविड वाटिका की तैयारियां चल रही हैं। जुलाई के प्रथम सप्ताह से इसमें पौधारोपण शुरू करा दिया जाएगा। लोगों के साथ भावनात्मक रिश्ता कायम करने के लिए वन विभाग की यह अनूठी पहल है।

- भारत लाल, प्रभागीय वन अधिकारी

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