Pilibhit Wildlife : तराई क्षेत्र की नदियाें में बड़ी संख्या में पल रहे मगरमच्छ, बारिश-बाढ़ के दौरान पहुंच रहे आबादी में, जानिए हालात

Pilibhit Wildlife तराई के जिले पीलीभीत में नदियों में बड़ी संख्या में मगरमच्छ पल रहे हैं। बारिश और बाढ़ के दौरान कई बार ये मगरमच्छ नदियों से निकलकर तालाब खेत और यहां तक कि गांवों में लोगों के घरों तक पहुंच जाते हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:58 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 05:58 PM (IST)
Pilibhit Wildlife : तराई क्षेत्र की नदियाें में बड़ी संख्या में पल रहे मगरमच्छ, बारिश-बाढ़ के दौरान पहुंच रहे आबादी में, जानिए हालात
Pilibhit Wildlife : तराई क्षेत्र की नदियाें में बड़ी संख्या में पल रहे मगरमच्छ

बरेली, जेेएनएन। Pilibhit Wildlife : तराई के जिले पीलीभीत में नदियों में बड़ी संख्या में मगरमच्छ पल रहे हैं। बारिश और बाढ़ के दौरान कई बार ये मगरमच्छ नदियों से निकलकर तालाब, खेत और यहां तक कि गांवों में लोगों के घरों तक पहुंच जाते हैं। पिछले पखवारे नदी से निकला एक मगरमच्छ गांव में पहुंच गया। ग्रामीणों ने उसे रस्सी से जकड़कर नदी में फेंक दिया। इससे मगरमच्छ की मौत हो गई। तब उन ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।

जिले में खकरा और माला नदियों में सबसे ज्यादा संख्या में मगरमच्छ पल रहे हैं। इसके अलावा शारदा सागर डैम में भी तमाम मगरमच्छों का वास रहता है। बारिश और बाढ़ के दौरान नदियां उफनाती हैं तो पानी के बहाव से साथ मगरमच्छ निकलकर गांवों के निकट तालाबों में पहुंच जाते हैं। वहां से कई बार ग्रामीणों के घरों तक मगरमच्छ पहुंचे हैं। ऐसे में बरसात के दिनों में ग्रामीणों को सतर्क रहना पड़ता है।

विशेष तौर पर जो गांव नदी, नहर या तालाबों के किनारे बसे हैं। वहां मगरमच्छ पहुंचने की आशंका ज्यादा रहती है। करीब एक पखवारा पहले बीसलपुर क्षेत्र के गांव राजूपुर कुंडरी में एक मगरमच्छ देवहा नदी से निकलकर गांव में पहुंच गया था। गांव के लोगों ने सामाजिक वानिकी को सूचना देकर वन कर्मियों की टीम बुलाने के बजाय खुद ही मगरमच्छ को रस्सियों से जकड़ लिया। बाद में उसे घसीटते हुए ले जाकर नदी में फेंक दिया था।

इसकी जानकारी लगने पर सामाजिक वानिकी की ओर से चार ग्रामीणों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया। वैसे अक्सर यह होता है कि किसी गांव में मगरमच्छ के पहुंचने पर सामाजिक वानिकी की टीम सूचना पर तुरंत पहुंचती है और मगरमच्छ को रेस्क्यू करके वापस नदी में छोड़ दिया जाता है।

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