Pilibhit Tiger Reserve : अब जंगल के आस पास पर्यटकों को मिलेगी स्टे होम की सुविधा, बनेंगे चार बुकिंग केंद्र

टाइगर रिजर्व का पर्यटन सीजन पहली नवंबर से शुरू हो जाएगा। इस बार पर्यटकों की सुविधा के लिए चार स्थानों पर बुकिंग केंद्र स्थापित कराए जाएंगे। जंगल के आसपास सात स्थानों पर पर्यटकों को होम स्टे की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 12:19 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 12:19 PM (IST)
Pilibhit Tiger Reserve : अब जंगल के आस पास पर्यटकों को मिलेगी स्टे होम की सुविधा, बनेंगे चार बुकिंग केंद्र
Pilibhit Tiger Reserve : अब जंगल के आस पास पर्यटकों को मिलेगी स्टे होम की सुविधा, बनेंगे चार बुकिंग केंद्र

पीलीभीत, जेएनएन। टाइगर रिजर्व का पर्यटन सीजन पहली नवंबर से शुरू हो जाएगा। इस बार पर्यटकों की सुविधा के लिए चार स्थानों पर बुकिंग केंद्र स्थापित कराए जाएंगे। जंगल के आसपास सात स्थानों पर पर्यटकों को होम स्टे की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। शुक्रवार को देर रात जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में तैयारियों की समीक्षा की गई।

बैठक में तय किया गया कि टूरिस्टों के लिए असोम पुलिस चौकी, माधोटांडा, पूरनपुर और शहर में नेहरू उद्यान गेट पर बुकिंग काउंटर खोले जाएंगे। इसी के साथ डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि एक नवंबर से टूरिस्टों के लिए सत्र शुरू किया जा रहा है।

पीलीभीत की ओर आने वाले हर मार्ग पर वन्य जीवन से भरपूर होर्डिंग बोर्ड लगाए जाएंगे। जंगल के आसपास सात प्राइवेट होम स्टे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा ग्रामीणों को रोजगार देने का उद्देश्य से और होम स्टे बढ़ाए जाएंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि गाइड और टैक्सी ड्राइवर का संबंधित थाने से अपराधी रिकॉर्ड है या नहीं, इसकी भी जानकारी वन विभाग के पास होना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि टूरिस्ट को लुभाने के लिए हर माह तीन दिन कोई विशेष आयोजन हों। साथ ही जंगल के पास कुछ ऐसे गांव चयनित किए जाएं, जिसमें कैंप फायर की व्यवस्था हो। बाहर से आने वाले टूरिस्ट अस्थाई टेंट में रुक सकें। उनसे प्राप्त होने वाली आय का कुछ हिस्सा ग्राम पंचायत को भी दिया जाएगा।

पर्यटन सत्र शुरू होने से पहले और सत्र के बीच में जागरूकता रैली भी निकाली जाएंगी। मानव वन्य जीव संघर्ष पर विराम लगाने की बात पर जिलाधिकारी ने आने वाले समय में जंगल के आसपास गन्ने की खेती पर विराम लगाने की सहमति जताई। कहा कि किसानों को गन्ने के मूल्य के बराबर आमदनी देने वाली लेमन ग्रास के साथ साथ अन्य फसलों की रणनीति बनाई जाए। इसके लिए राजकीय कृृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. शैलेंद्र सिंह ढाका को जल्द कोई ठोस रणनीति बनाने के लिए कहा गया।

ग्रामीणों से तालमेल बनाते हुए वन्यजीवों के प्रति जागरूक करने के लिए रणनीति बनाई गई। बैठक में पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल, डीएफओ विकास नायक, सामाजिक वानिकी डीएफओ संजीव कुमार,उप जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, सीओ सिटी, तहसीलदार, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बिलाल मियां मौजूद रहे।

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