इस कीट से दहशत में है पीलीभीत के किसान, एक ही रात में धान की जड़ को चूसकर कर रहा बर्बाद

Pilibhit Farmers News तैयार हो चुके धान में (बीपीएच) भूरा फुदका कीट बेहद तेजी के साथ पैर पसार रहा है। फसल को चपेट में लेकर एक ही रात में उसे बर्वाद कर रहा है। किसान महंगी दवाओं का छिड़काव कीट के खात्मे के लिए करा रहे हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 05:29 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 05:29 PM (IST)
इस कीट से दहशत में है पीलीभीत के किसान, एक ही रात में धान की जड़ को चूसकर कर रहा बर्बाद
इस कीट से दहशत में है पीलीभीत के किसान, एक ही रात में जड़ को चूसकर कर रहा बर्बाद

बरेली, जेएनएन। Pilibhit Farmers News : पीलीभीत के पूरनपुर में तैयार हो चुके धान में (बीपीएच) भूरा फुदका कीट बेहद तेजी के साथ पैर पसार रहा है। फसल को चपेट में लेकर एक ही रात में उसे बर्वाद कर रहा है। किसान महंगी दवाओं का छिड़काव कीट के खात्मे के लिए करा रहे हैं।

तराई में किसान एक बड़े रकबे में धान की खेती करते हैं। फसल को तैयार करने में किसानों की काफी लागत आती है। महंगे डीजल से सिंचाई और रोग कीटों के खात्मे के लिए दवा का छिड़काव करने से किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। खेतों में लगभग धान की फसल तैयार होने को है। ऐसे में (ब्राउन प्लांट हापर) भूरा फुदका कीट ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं।

इस कीट की चपेट में जो भी खेत आ रहे हैं वह काफी प्रभावित हो रहे हैं। एक ही रात में कीट खेत को बेहद नुकसान पहुंचा रहा है। यह कीट धान की जड़ को चूस लेता है जिससे पूरा पौधा खेत में गिर जाता है। जगह जगह खेत में जलने जैसा बन जाता है। इस कीट से प्रभावित खेत में उत्पादन क्षमता पर भी बेहद फर्क पड़ सकता है। किसान इस कीट को खत्म करने के लिए महंगी दवाओं की स्प्रे भी करा रहे हैं।

बाहर से अंदर के लिए करे छिड़काव

जिस खेत में यह कीट लगा है वह किसान दवा का छिड़काव खेत के बाहर से अंदर के लिए करे। इससे कीट पूरी तरह से खत्म हो जाता है। अगर अंदर से छिड़काव होता है तो कीट खेत के किनारों की तरफ जाने लगते हैं। खेत में बीच बीच में यह कीट लगा है तो गोलदारे से दवा का छिड़काव कर उसे खत्म किया जा सकता है।

भूरा फुदका कीट जिन खेतों में अधिक पानी भरा होता है उसमें ज्यादा लगता है। पिछले वर्ष यह कीट बेहद तेजी से लगा था। इसबार कम देखने को मिल रहा है। कीट से अगर खेत थोड़ा प्रभावित है तो इसके लिए थापामैथोकजोन 150 ग्राम प्रति एकड़ और ज्यादा प्रभावित है तो पाइमेट्रोजिन 120 ग्राम प्रति एकड़ दो सौ लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इससे कीट खत्म हो जाएगा। डा. एसएस ढाका, वरिष्ठ कृषि विज्ञानिक

धान की फसल पककर तैयार हो रही है। खेतों में भूरा फुदका कीट बेहद तेजी से पैर पसार रहा है। कीट को खत्म करने के लिए दवा का छिड़काव कर चुका है। किसानों को भी इसमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। गुरमंगत सिंह चीमा, प्रगतिशील किसान

भूरा फुदका कीट के खात्मे के लिए कई बार खेतों में दवा का छिड़काव कर चुका हूं। कुछ हद तक निजात मिली है। महंगी दवा की स्प्रे कराने से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। कामता प्रसाद

धान की फसल में वैसे ही काफी लागत आती है। बरसात न होने से कई बार सिंचाई करनी पड़ी। सूड़ी आदि बीमारी लगने से दवा का छिड़काव करना पड़ा। अब भूरा फुदका कीट की स्प्रे करानी पड़ रही है। सुबोध शुक्ल

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