Pilibhit BSL Lab-2 News : अब पीलीभीत में ही हाेगी आरटी-पीसीआर सैंपल की जांच, जल्द बनेगी बायाे सेफ्टी लैब
Pilibhit BSL Lab-2 News पीलीभीत शासन द्वारा कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आरटी-पीसीआर सैंपल परीक्षण के जनपद में बायो सेफ्टी लैब (बीएसएल लैब-2) बनाने के आदेश दिए गए थे। बायो सेफ्टी लैब का संचालन होने के बाद कोरोना सैंपल की जांच रिपोर्ट जल्द मिल सकेगी।
बरेली, जेएनएन। Pilibhit BSL Lab-2 News : पीलीभीत शासन द्वारा कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आरटी-पीसीआर सैंपल परीक्षण के जनपद में बायो सेफ्टी लैब (बीएसएल लैब-2) बनाने के आदेश दिए गए थे। बायो सेफ्टी लैब का संचालन होने के बाद कोरोना सैंपल की जांच रिपोर्ट जल्द मिल सकेगी। अभी तक सैंपल लखनऊ मेडिकल कालेज में भेजे जाते रहे हैं। जिन्हें भेजने में व्यय भी अधिक होता है और रिपोर्ट आने में देरी लगती है।
जनपद मुख्यालय स्थित एलटू कोविड अस्पताल के ऊपरी तल पर आरटी-पीसीआर सैंपल जांच के लिए बीएसएल-2 लैब बनाई जा रही है। इसके लिए आवश्यक निर्माण कार्य से लेकर उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है। पीसीआर मशीन से लेकर कुर्सी-मेज, कंप्यूटर सेट व सीसीटीवी की खरीद हो चुकी है। शासन स्तर से मशीनों का आना शेष रह गया है। मशीनों के उपलब्ध न होने से लैब संचालित नहीं हो पा रही है। मशीनें लग जाने के बाद सैंपल की जांच यहीं पर होना शुरू हो जाएगा।
लैब टेक्नीशियन की नहीं हुई नियुक्ति
शासन द्वारा भले ही सामान उपलब्ध कराने में देरी हो रही हो लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी भी लापरवाही में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लैब में जांच करने के लिए अभी तक लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं हो सकी है। यह नियुक्ति संविदा आधार पर एजेंसी के माध्यम से की जानी है।
प्रति माह तीन लाख हो रहा व्यय
जनपद में आरटी-पीसीआर जांच की शुरुआत न होने व विभागीय अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण विभाग का तीन लाख रुपये प्रति माह अतिरिक्त व्यय हो रहा है। जांच हेतु सैंपल प्रतिदिन पीजीआइ लखनऊ भेजे जा रहे हैं जिसको लेकर जाने वाले वाहन के ईंधन में आठ हजार रुपये प्रतिदिन व्यय होता है। इसके अलावा बीएसएल-2 लैब के संचालन में सहयोग के लिए माइक्रोबायोलॉजिस्ट, दो लैब सहायक व एक कंप्यूटर आपरेटर की नियुक्ति एजेंसी द्वारा संविदा पर की गई है जिनका कुल मासिक मानदेय 73 हजार रुपये है।
लैब संचालित न होने से उक्त कर्मी निर्धारित कार्य करमे की बजाय इधर-उधर अन्य विभागीय कार्य करते हैं जिससे श्रम के साथ ही धन का भी अपव्यय हो रहा है। प्रभारी सीएमओ डा. रामवीर सिंह के अनुसार लैब का संचालन शुरू हो जाने के बाद सैंपल बाहर भेजने की समस्या नहीं रहेगी।