बाइक की टक्कर से व्यक्ति की मौत, बाइक सवार को देना होगा 46 लाख का मुआवजा

बीएसएनएल में मैकेनिक के पद पर तैनात दीनानाथ की वर्ष 2018 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को टक्कर मारने वाली बाइक के मालिक पर 46.42 लाख रुपये हर्जाना डाला है।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 06:30 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 06:30 PM (IST)
बाइक की टक्कर से व्यक्ति की मौत, बाइक सवार को देना होगा 46 लाख का मुआवजा
बीएसएनएल में मैकेनिक के पद पर तैनात दीनानाथ की वर्ष 2018 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।

बरेली, जेएनएन। बीएसएनएल में मैकेनिक के पद पर तैनात दीनानाथ की वर्ष 2018 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को टक्कर मारने वाली बाइक के मालिक पर 46.42 लाख रुपये हर्जाना डाला है। मृतक के पुत्र कमल किशोर निवासी परगवां ने बताया कि 15 जून 2018 को नैनीताल रोड पर टोल प्लाजा के पास उसके पिता केबल फॉल्ट ठीक कर रहे थे। तभी लापरवाही से बाइक सवार ने उन्हें टक्कर मार दी। जख्मी दीनानाथ को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवार में मृतक की पत्नी दमयंती, पुत्र कमल किशोर व विनय कुमार ने गांधीनगर थाना प्रेमनगर निवासी प्रदीप कुमार के खिलाफ मुकदमा दायर कराया था। बाइक स्वामी मुकदमा सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं हुआ। पीठासीन अधिकारी कौशलेंद्र यादव ने मामले को एक पक्षीय रूप से निस्तारित कर दिया। मृतक की उम्र दुर्घटना के समय 58 वर्ष थी। पीड़ित के अधिवक्ता गौरव भाटिया ने बताया कि बाइक का बीमा नहीं था, इसलिए

बीडीए की धोखाधड़ी पर कोर्ट से एफआइआर की मांग

 बरेली : बरेली विकास प्राधिकरण ने रामगंगा नगर आवासीय योजना के पास कब्रिस्तान की बात छिपाकर एक उपभोक्ता को भूखंड आवंटित कर दिया। जब उपभोक्ता को पता चला कि उसके प्लॉट के बगल में कब्रिस्तान बना है। तब उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उपभोक्ता का कहना है कि बीडीए ने कब्रिस्तान की बात छिपाकर उससे रूपये ऐंठ लिए। कोर्ट ने पुलिस से मामले की रिपोर्ट तलब की है

सर्किट हाउस कॉलोनी निवासी कुसुमलता ने पति अवधेश गुप्ता के नाम से प्लॉट आवंटित कराया था। 2019 में आवासीय योजना के विज्ञापन में भूखंड के निकट कब्रिस्तान होने की बात छिपाई गई। पीड़िता से 4.32 लाख रुपये जमा करा लिए। आरटीआइ से जानकारी लेने पर पता चला कि भूखंड के निकट कब्रिस्तान मौजूद है जबकि योजना के प्रोस्पेक्टस में कब्रिस्तान छिपा दिया गया। पीड़िता के अधिवक्ता अमजद सलीम ने बताया कि बीडीए अधिकारियों ने शासन से वाहवाही लूटने को धोखाधड़ी की ताकि अधिकारियों की लापरवाही सामने ना आ सके। अर्जी में बीडीए की पूर्व उपाध्यक्ष दिव्या मित्तल, पूर्व सचिव अंबरीश कुमार श्रीवास्तव, पूर्व संपत्ति अधिकारी आरके जायसवाल, वर्तमान संपत्ति अधिकारी डीसी तोमर, लिपिक देवेंद्र, उपाध्यक्ष व सचिव को आरोपित बनाया है। मामले की अगली सुनवाई दो मार्च को होगी।

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