बरेली में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से लोग परेशान

रात घर में बेटा अकेला था। तीन लोग घुस आए और मारपीट कर उसे घायल कर दिया। सुबह सरकारी अस्पताल में दिखाया तो डाक्टर ने बरेली के लिए रेफर कर दिया। यहां आने को सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली। काफी देर बैठे रहे सरकारी एंबुलेंस वालों को कई फोन भी किए। फिर आठ सौ रुपये में निजी एंबुलेंस बुक कर बेटे को अस्पताल ले आए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 09:44 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 09:44 PM (IST)
बरेली में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से लोग परेशान
बरेली में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से लोग परेशान

जासं, बरेली: रात घर में बेटा अकेला था। तीन लोग घुस आए और मारपीट कर उसे घायल कर दिया। सुबह सरकारी अस्पताल में दिखाया तो डाक्टर ने बरेली के लिए रेफर कर दिया। यहां आने को सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली। काफी देर बैठे रहे, सरकारी एंबुलेंस वालों को कई फोन भी किए। फिर आठ सौ रुपये में निजी एंबुलेंस बुक कर बेटे को अस्पताल ले आए।

जिला अस्पताल में घायल बेटे सतपाल को लेकर आए आंवला के अनंदपुर निवासी नत्थू लाल ने जागरण की टीम को अपना दर्द बताया। बोले, मुश्किल से रुपये इकट्ठे कर बेटे को इलाज कराने लाए हैं। महिला अस्पताल में बेटी कैसरजहां को लेकर पहुंची ऐमजी ने भी कुछ ऐसे ही अपना दर्द बताया। बोलीं, हफ्ते भर पहले कैसरजहां को बेटी पैदा हुई थी। तब अस्पताल की एंबुलेंस ने घर तक छोड़ दिया था। इधर, मंगलवार को उसे कुछ तकलीफ होने पर अस्पताल लाना पड़ा तो सरकारी एंबुलेंस नहीं मिल पाई। 102 पर फोन किया तो उन्होंने आने से मना कर दिया। एक हजार रुपये में प्राइवेट गाड़ी बुक कराकर अस्पताल लाए हैं। सरकारी एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से सिर्फ नत्थू लाल और ऐमजी का परिवार ही परेशान नहीं हुआ, कई लोगों को अस्पताल पहुंचने में दिक्कत हुई।

निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचे मरीज

जिला महिला अस्पताल में मंगलवार को गर्भवती महिलाएं टेंपो, आटो व ई-रिक्शा में बैठकर आईं। इस कारण महिला अस्पताल में छोटे वाहनों की भीड़ लगी रही। महिला अस्पताल में औसतन रोजाना चार से पांच बच्चों का जन्म होता है। अस्पताल से छुट्टी के बाद भी लोग जच्चा-बच्चा को टेंपो, ई-रिक्शा आदि से लेकर घर गए।

गर्भवती महिलाओं को लाने के साथ ही घर छोड़ने की है व्यवस्था

महिला अस्पताल आने वाली गर्भवतियों के लिए 102 एंबुलेंस हैं। यह एंबुलेंस उन्हें अस्पताल लाने के साथ ही घर तक छोड़ती है। उनकी हड़ताल होने के कारण गर्भवती महिलाओं को न तो अस्पताल लाया गया और न ही उन्हें कोई एंबुलेंस घर छोड़ने गई। वही, 108 एंबुलेंस सभी तरह के मरीजों को अस्पताल पहुंचाती है।

हड़ताल कर रहे एंबुलेंस कर्मियों को सपा का समर्थन

एंबुलेंस कर्मचारियों की चल रही हड़ताल को मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना समर्थन दे दिया। सपा जिलाध्यक्ष अगम मौर्य अन्य पदाधिकारियों के साथ फतेहगंज पश्चिमी में चल रहे एंबुलेंस कर्मियों के धरने पर पहुंच गए। उन्होंने एंबुलेंस कर्मियों की समस्याओं को सुना। कर्मचारियों ने बताया कि नई कंपनी पुराने स्टाफ को नहीं ले रही है। इससे कई लोग बेरोजगार होने के कगार पर पहुंच गए हैं। उन्होंने नई कंपनी पर शोषण करने की नीति अपनाने का आरोप लगाया।

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