जंगल था, तब हम बसे, बाद वाले बंद कर रहे रास्ता

कॉलोनियों के सार्वजनिक रास्तों को बंद करवाने की कोशिशों के बीच कई पीढि़यों से बसे लोगों का दर्द भी सामने आया। सेंट्रल स्टेट कॉलोनी के बाशिदों ने कहा कि जंगल था यहां तब हमारे परिवारों ने आकर बसाहट की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Jul 2020 02:01 AM (IST) Updated:Sun, 19 Jul 2020 02:01 AM (IST)
जंगल था, तब हम बसे, बाद वाले बंद कर रहे रास्ता
जंगल था, तब हम बसे, बाद वाले बंद कर रहे रास्ता

बरेली, जेएनएन : कॉलोनियों के सार्वजनिक रास्तों को बंद करवाने की कोशिशों के बीच कई पीढि़यों से बसे लोगों का दर्द भी सामने आया। सेंट्रल स्टेट कॉलोनी के बाशिदों ने कहा कि जंगल था यहां, तब हमारे परिवारों ने आकर बसाहट की। देखते ही देखते, बीते 30 सालों में कई कॉलोनियां बसीं। अब सार्वजनिक रास्तों को ही बंद किया जा रहा है। वह भी पिछले दो दशक में बसे लोग ऐसा कर रहे हैं। यह गलत है। इस मामले की शिकायत आशापुरम कॉलोनी और सेंट्रल स्टेट कॉलोनी के लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल तक पहुंचाया है। अब सोमवार को दोनों कॉलोनी के लोग कलेक्ट्रेट और नगर निगम के अधिकारियों से मुलाकात करके अपनी समस्या रखेंगे।

सेंट्रल स्टेट कॉलोनी के साथ तीन कॉलोनियां दशकों से बसी हुई है। स्टेडियम रोड की तरफ से सौ फुटा रोड जाने के लिए आशापुरम कॉलोनी के अंदर से रास्ता है। जिसका उपयोग लोग करते आए हैं। अब सेंट्रल स्टेट कॉलोनी के लोग सार्वजनिक रास्ते पर गेट लगाकर ब्लॉक कर रहे हैं। इसके बाद तीन कॉलोनी के लोगों के लिए यह रास्ता बंद हो जाएगा। उन्हें सौ फुटा रोड की तरफ से ही आना-जाना पड़ेगा।

यहां रहने वाले चंद्रमणि का कहना था कि डेलापीर पर अक्सर जाम रहता है। बचने के लिए इन्हीं रास्तों के जरिए लोग स्टेडियम रोड तक आते हैं। अब नई बसी इस कॉलोनी के लोग कहते हैं कि आप लोग बाहरी हैं। उन्हें बाहर के लोगों से कॉलोनी को बचाना है। यह अनुचित है। सार्वजनिक रास्तों को बंद करके पहले से बसे हुए परिवारों के लिए मुश्किल खड़ी की जा रही है।

एक गेट लगा, दूसरे की तैयारी

आशापुरम कॉलोनी मे एक गेट लगाया जा चुका है। एक अन्य रास्ते पर गेट लगाने की तैयारी है। एक दिन पहले सड़क पर उतरे लोगों ने हंगामा किया था। मामला पुलिस तक भी पहुंचा। यहां लगाया जा चुका गेट भी चौबीस घंटे बंद रखा जा रहा है। जबकि दिन में खुला रखना चाहिए।

सीएम पोर्टल तक पहुंची शिकायत

सार्वजनिक रास्तों को बंद कराने की कोशिशों की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई है। उनका कहना है कि अगर सब वैध है तो उन्हें भी स्वीकार है, लेकिन किसी भी सार्वजनिक रास्ते को बंद कराने के लिए सबकी अनुमति तो आवश्यक है।

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कॉलोनी के रास्तों पर गेट लगाने से आस-पास के लोगों को दिक्कत होती है। चौबीस घंटे गेट बंद रखे जा रहे हैं। यह ज्यादती है।

- रोहित कोचर, आशापुरम कॉलोनी सालों से इन्हीं रास्तों का इस्तेमाल किया जाता रहा। कभी रोकटोक नहीं रही। अब गेट लगाकर रास्ता ही बंद करवा रहे हैं।

- शांतिस्वरूप कन्नौजिया, आशापुरम कॉलोनी

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