बरेली के सैदपुर हाकिंस में लोगों को नहीं मिल रहीं बुनियादी सुविधाएं

नैनीताल रोड व दिल्ली हाईवे को लिक करता मिनी बाइपास शहर के बड़े वार्ड संख्या 55 सैदपुर हाकिस को भी दो भागों में बांटता है। वार्ड के ये दो टुकड़े एक-दूसरे से एकदम जुदा है शायद जमीन-असमान की तरह। एक ओर कर्मचारी नगर समेत आसपास की कालोनियां हैं तो दूसरी ओर सैदपुर हाकिस की मलिन बस्ती और आसपास के मुहल्ले।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 05:13 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 05:13 AM (IST)
बरेली के सैदपुर हाकिंस में लोगों को नहीं मिल रहीं बुनियादी सुविधाएं
बरेली के सैदपुर हाकिंस में लोगों को नहीं मिल रहीं बुनियादी सुविधाएं

बरेली, जेएनएन: नैनीताल रोड व दिल्ली हाईवे को लिक करता मिनी बाइपास, शहर के बड़े वार्ड संख्या 55 सैदपुर हाकिस को भी दो भागों में बांटता है। वार्ड के ये दो टुकड़े एक-दूसरे से एकदम जुदा है, शायद जमीन-असमान की तरह। एक ओर कर्मचारी नगर समेत आसपास की कालोनियां हैं तो दूसरी ओर सैदपुर हाकिस की मलिन बस्ती और आसपास के मुहल्ले।

कर्मचारी नगर में तो शहर में रहने का आभास होता है, लेकिन सैदपुर हाकिस के निवासियों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। कच्चे रास्ते, खड़ंजों की चुभती ईटें, नालियों में बजबजाती गंदगी, जलभराव समेत तमाम समस्याओं के बीच यहां के लोग जी रहे हैं। नगर निगम के अफसरों की निगाह इस ओर नहीं जाती। रविवार को जागरण की टीम ने वार्ड का दौरा किया तो लोगों की समस्याएं दर्द बन उनकी जुबां पर आ गई। मुख्य मार्ग जर्जर, गलियां भी पक्की नहीं

मिनी बाइपास पर पुलिस चौकी से चौधरी तालाब फाटक को जाने वाली रोड जर्जर हो चुकी है। लक्ष्मीपुर गौटिया में मंदिर के पास काफी गड्ढे हैं। डा. कटियार अस्पताल के पास कूड़ेदान बना दिया गया है। वहां गोबर फेंका जा रहा है। सड़क टूटने से यहां भीषण जलभराव होता है। अंबिका आवास के सामने, शिव कुमार की दुकान के सामने, समाधि गौटिया के सामने भी सड़क बदहाल है। इस सड़क के निर्माण को करीब 70 लाख का एस्टीमेट बना, लेकिन सड़क नहीं बन पाई। लक्ष्मीपुर गौटिया वालों को चार साल से सिर्फ आश्वासन

जनप्रतिनिधियों के दावों से लक्ष्मीपुर गौटिया वाले खुद को ठगा सा महसूस करते हैं। वहां 2017 में विधायक निधि से सड़क-नाली निर्माण के लिए टेंडर किए गए। शिलान्यास का बोर्ड भी लगा दिया गया। ठेकेदार ने सिर्फ नालियां बनाई। सड़क का निर्माण आज तक नहीं किया। बरसात में यहां लोगों को घुटने तक पानी से होकर निकलना पड़ता है। सैदपुर मुख्य मार्ग पर प्राचीन मां दुर्गा मंदिर के सामने भी जलभराव होता है। सीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। टूटे खड़ंजों पर बसा सैदपुर बर्फखाना

सैदपुर में बर्फखाना क्षेत्र में करीब 350 परिवार हैं। यहां शहर जैसा लगता ही नहीं। पूरा क्षेत्र खड़ंजे पर बसा हुआ है। चौक में नगर निगम की उदासीनता का नजारा साफ दिखता है। सरकारी नल टूटा है। पानी निकलने का कोई जरिया नहीं है। पानी की सप्लाई, स्ट्रीट लाइट नहीं है। जलभराव से लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। सड़क निर्माण की फाइलें गायब होने का आरोप

लोगों ने बताया कि लक्ष्मीपुर गौटिया में जीवन लाल के मकान से दीपक के मकान तक और सैदपुर में इलियास के मकान से असलम के मकान तक सड़क निर्माण की फाइलें बनाई गई थी। अक्टूबर 2020 में नगर निगम से दोनों फाइलें गायब कर दी गईं। जूनियर हाई स्कूल के पीछे सोमपाल के मकान से मंगली के मकान तक सड़क का टेंडर पांच माह पूर्व प्रकाशित हुआ था, लेकिन टेंडर निरस्त हुए। बाद में फाइल खो गई। पार्षद की बात

सैदपुर हाकिस एक मलिन बस्ती है। बावजूद इसके वहां विकास कार्य नहीं कराए जा रहे हैं। हर बार मेरे ही वार्ड की फाइलें नगर निगम से गुम हो जाती हैं। करीब दो सौ खंभों पर अब तक लाइटें नहीं लग पाई हैं। कई पोलों पर लाइटें खराब हैं, उन्हें सही नहीं कराया जा रहा है। पैचवर्क नहीं कराने के कारण मुख्य सड़क खराब हो गई है। क्षेत्रवासियों की समस्याओं को निगम में रखा जाता है, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

दीपक सक्सेना, पार्षद वर्जन

सैदपुर हाकिस की पत्रावलियों के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं है। फाइलें खोने का मतलब ही नहीं होता। उन्हें तलाश करवाकर सड़क निर्माण कराया जाएगा।

बीके सिंह, मुख्य अभियंता, नगर निगम

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