जुलूस-कुलशरीफ में उमड़े अकीदतमंद
जागरण संवाददाता, बरेली : कुतबे आलम किबला हजरत शाह नियाज अहमद रहमतुल्लाह अलैह के उर्से मुब
जागरण संवाददाता, बरेली : कुतबे आलम किबला हजरत शाह नियाज अहमद रहमतुल्लाह अलैह के उर्से मुबारक के छठे रोज खानकाह-ए-नियाजिया में बड़ी तादाद में अकीदतमंद जुटे। जुमे की नमाज के बाद दोपहर 2:10 बजे बेहद अदबो-एहतराम के साथ कुल शरीफ हुआ। उलमा-ए-कराम ने नात-ओ-मनकबत और दुरूद शरीफ का नजराना पेश किया। मुल्क में अमन-चैन और अकीदतमंद के हक में दुआ की गई। शाम चार बजे खानकाह प्रबंधक शब्बू मियां नियाजी की कयादत में कोहाड़ापीर से चादर का जुलूस निकला। थोड़ी दूरी पर जाकर ये जलसे में तब्दील हो गया। मौलाना कासिम नियाजी ने कुतबे आलम की जिंदगी, करामात पर रोशनी डाली। डॉ. कमाल मियां नियाजी की सदारत में पुराने शहर से जुलूस निकला, जो पुरानी राहों से होकर खानकाह पहुंचा। इसमें कई अंजुमनों के अलावा हाजी गजनफर हुसैन वारसी, ग्यास मियां वारसी, तौसीफ, शफीकउद्दीन, डॉ. कदीर, कैसर खां, सय्यद शाकिर वारसी, फईम खां आदि शरीक हुए। शहर भर में जुलूस पर फूलों की बारिश होती रही। मिठाई, शर्बत का तबर्रुक तकसीम किया जाता रहा। सज्जादानशीन हजरत हसनी मियां और नायाब सज्जादानशीन अलहाज मेंहदी मियां समेत अन्य सज्जादगान ने खानकाह पर जुलूस का इस्तकबाल किया। रात को कव्वाली की महफिल सजी। इसमें नामचीन कव्वालों ने सूफियाना कलामों की पेशकश से समां बांध दिया। देर रात कुल शरीफ हुआ। इसके बाद खानकाह चौकी ने चिश्तिया रंग पढ़ा। उर्स में अजमेर शरीफ, हजरत निजामुद्दीन औलिया, कुतुब साहब समेत कई खानकाह-दरगाहों के सज्जादगान पहुंचे। हल्क-ए-जिक्र के साथ छठे दिन के उर्स का समापन हुआ।