बरेली में जन औषधि केंद्रों का लोगों को नहीं मिल रहा फायदा, केंद्रों पर नहीं मिलती कोविड की दवा, एन 95 मास्क भी नहीं रहता
कोरोना महामारी के समय प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर जरूरतमंदों को दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। कोरोना से बचाव के लिए मास्क भी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। कंपनियों से उन्हें महीने भर से दवाओं की सप्लाई नहीं हुई है। इस कारण गरीब लोग परेशान हैं।
बरेली, जेएनएन। कोरोना महामारी के समय प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर जरूरतमंदों को दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। कोरोना से बचाव के लिए मास्क भी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। कंपनियों से उन्हें महीने भर से दवाओं की सप्लाई नहीं हुई है। इस कारण गरीब लोग परेशान हैं। उन्हें मजबूरन महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। हालांकि केंद्र संचालकों का कहना है कि हफ्ते भर में दवाओं की उपलब्धता होने की उम्मीद है।
गरीबों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए देश भर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले गए। शहर में जिला अस्पताल, कालीबाड़ी रोड, मिनी बाइपास, राजेंद्र नगर, सौ फुटा रोड समेत करीब दर्जन भर जेनरिक दवा के केंद्र हैं। पिछले दो महीने से जिले में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। मरीज और उनके तीमारदार मेडिकल स्टोरों के चक्कर लगा रहे हैं। वहां से महंगी दवाएं खरीद रहे हैं। जरूरतमंद लोगों को जन औषधि केंद्रों से दवा नहीं मिल पा रही है। वहां दवा की उपलब्धता ही नहीं है। जेनरिक स्टोर खाली हो गए हैं।
कालीबाड़ी रोड पर जन औषधि केंद्र चलाने वाले एसएन चौबे ने बताया कि सेंट्रल ऑफिस दिल्ली से सारा माल आता है। वहां कई लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। दो अप्रैल को आखिरी बार दवाओं की सप्लाई हुई थी। उसके बाद से दवा नहीं मिली है। कोरोना प्रोटोकॉल में शामिल सभी दवाएं बीस दिन से नहीं हैं। लोगों को वापस लौटाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार एन 95 मास्क कंपनियों से उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। पिछले साल जो स्टॉक आया था, उसमें से 15 दिन पहले तक मास्क बेचे, मात्र 60 रुपये का मास्क होने के कारण कुछ दिन में ही खत्म हो गए।
जन औषधि केंद्रों पर जरूरी दवाओं के दाम
अजिथ्रोमाइसिन 500 एमजी - 42 रुपये में तीन गोली
आइवरमेक्टिन 12 एमजी - 21 रुपये में दस गोली
पैरासिटामॉल 500 एमजी - छह रुपये की दस गोली
पैरासिटामॉल 650 एमजी - 12 रुपये की 15 गोली
विटामिन सी 500 एमजी - 15 रुपये की दस गोली