इम्यूनिटी पर दें ध्यान वर्ना कोरोना संक्रमण से सेप्सिस का भी खतरा
बरेली के 300 बेड कोविड हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ फिजीशियन डॉ.वागीश वैश्य बताते हैैं कि सेप्सिस सेप्सिसिमिया या खून में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है। यह बीमारी तब होती है जब शरीर के अंदर फेफड़ों त्वचा या किसी भी अन्य जगह बैक्टीरिया संक्रमण होता है।
बरेली, जेएनएन : कोरोना संक्रमण के दौर में अगर आपने अपनी इम्यून सिस्टम को मजबूत नहीं किया तो सेप्सिस का भी खतरा हो सकता है। समय पर इसके लक्षण पहचान कर इलाज नहीं किया तो शरीर के अंग जैसे लीवर, किडनी आदि काम करना बंद कर सकते हैं। ऐसे में शुरुआती लक्षण और जानना, समय पर खून की जांच कराना और उपचार बेहद जरूरी है।
बरेली के 300 बेड कोविड हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ फिजीशियन डॉ.वागीश वैश्य बताते हैैं कि सेप्सिस, सेप्सिसिमिया या खून में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है। यह बीमारी तब होती है, जब शरीर के अंदर फेफड़ों, त्वचा या किसी भी अन्य जगह बैक्टीरिया संक्रमण होता है। यही संक्रमण रक्त में फैल जाता है।
सेप्सिस कमजोर रोग प्रतिरोधक शक्ति वाले लोगों में आसानी से हो सकती है। इसका शिकार होने की आशंका तब और बढ़ जाती है, जब कोई शख्स पहले से ही अन्य संक्रमण जनित रोग से जूझ रहा हो। यानी यह संक्रमण रोगी से संक्रमण से लड़ने में बाधक तो होता ही है, साथ में शरीर के स्वस्थ्य हिस्से और खून को भी नुकसान पहुंचाता है। सितंबर 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी अपनी रिपोर्ट में कोरोना समेत अन्य संक्रमण में सेप्सिस होने की आशंका बढ़ने की बात लिखी है।
इनको आसानी से हो सकता है सेप्सिसिमिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सेप्सिस या सेप्सिसिमिया विशेष तौर पर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली या प्रतिरोधक शक्ति वाले व्यक्तियों को होता है। इसके अलावा नवजात शिशुओं, बच्चों, गर्भवती, बुजुर्गों, किसी संक्रमण से संक्रमित, एड्स या एचआइवी पॉजिटिव, कैंसर, लीवर सिरोसिस, गुर्दा या प्लीहा संबंधित रोगों से ग्रसित व्यक्ति में इसकी संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
क्या है लक्षण और उपाय
- बुखार और कंपकपी
- सांस लेने में कठिनाई
- सांस फूलना या तेज होना
- हृदय की धड़कन तेज होना
- मानसिक स्वास्थ्य में बदलाव या बेचैनी
- असामान्य रक्तचाप (ब्लड प्रेशर)
- शरीर पर धब्बे या चकत्ते
- दस्त, मतली या उल्टी
- पेशाब कम आना
- शरीर में अत्यधिक दर्द
स्वच्छता और पोषण से बचाव संभव
डॉ. वागीश वैश्य ने बताया सेप्सिस हो जाने पर उसका इलाज घरेलू उपायों से नहीं हो सकता है। लेकिन कोई रोग हो जाने पर उसका इलाज करवाने से अच्छा है कि रोग को शरीर में पनपने न दें। सेप्सिस का मुख्य कारण स्वच्छता के अभाव में फैला संक्रमण है। इसलिए सफाई बनाए रखें। दूषित पानी और उससे बने भोजन से बचें। भोजन की गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए विटामिन-सी युक्त आहार लें और पर्याप्त जल पियें। खुद को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। दो गज की शारीरिक दूरी का ध्यान रखें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।