Pasco Case Verdict : मासूम से दरिंदगी, 33 दिन अौर सजा उम्रकैद Bareilly News

दो साल की मासूम से दुष्कर्म के आरोपित को स्पेशल जज पॉक्सो कोर्ट सुनील कुमार यादव ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। बरेली में अपनी तरह का यह पहला केस है।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 08:49 AM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 05:54 PM (IST)
Pasco Case Verdict : मासूम से दरिंदगी, 33 दिन अौर सजा उम्रकैद Bareilly News
Pasco Case Verdict : मासूम से दरिंदगी, 33 दिन अौर सजा उम्रकैद Bareilly News

जेएनएन, बरेली : दो साल की मासूम से दुष्कर्म के आरोपित को स्पेशल जज पॉक्सो कोर्ट सुनील कुमार यादव ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। बरेली में अपनी तरह का यह पहला केस है, जिसमें कोर्ट ने फैसला घटना के 33 दिन बाद 14 दिन की सुनवाई में दे दिया। पुलिस ने इस मामले की चार्जशीट सात दिन के भीतर कोर्ट में दाखिल कर दी थी।

चार घंटे में अारोपित को किया था गिरफ्तार 

वारदात 14 अक्टूबर को अंजाम दी गई थी। सीबीगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली दो साल की बच्ची अपने घर के सामने कुछ बच्चों के साथ खेल रही थी। उसी दौरान लापता हो गई। तलाशने पर पता लगा कि यादराम साहू (40) बच्ची को अपने साथ ले गया है। जानकारी पर बच्ची के परिवार वाले उसके घर पहुंचे। वहां बच्ची खून से लथपथ मिली, जबकि यादराम उन लोगों को देखकर भाग गया। मेडिकल में बच्ची से दुष्कर्म की पुष्टि हुई और घटना के चार घंटे के अंदर ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया था।

स्पेशल जज सुनील यादव ने सुनाया फैसला

हालत गंभीर होने पर बच्ची को पांच दिन अस्पताल में रखा गया था। शनिवार को अभियोजन पक्ष से एडीजीसी रीतराम राजपूत व राजपाल सिंह यादव ने मुकदमे में बहस की। अभियोजन पक्ष से केस की मॉनिटरिंग डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक ने की। स्पेशल जज सुनील कुमार यादव ने दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में आरोपित को यादराम साहू को अलग-अलग सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई है। स्पेशल कोर्ट ने दोषी पर एक लाख रुपये जुर्माना भी ठोंका है। पूरी राशि पीड़िता के पुनर्वास व इलाज के लिए परिवार को दी जाएगी।

चार्जशीट के अगले दिन तय हो गए आरोप

इस मामले में पुलिस ने एक सप्ताह के अंदर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। अगले ही दिन अदालत ने आरोपित पर आरोप तय कर दिए। बीती 23 अक्टूबर से 5 नवंबर तक कोर्ट में 13 गवाहों ने गवाही दी। पीड़िता की भी कोर्ट में सुनवाई हुई। स्पेशल जज सुनील कुमार यादव ने अपने निर्णय में उल्लेख किया कि इस मामले की सुनवाई में अभियोजन व बचाव पक्ष दोनों ने सहयोग किया। थाने के पैरोकार रामू गुप्ता ने हर तारीख पर गवाह कोर्ट में पेश किए। सुनवाई में सभी ने सहयोग किया। जिसकी वजह से इतनी जल्दी फैसला दिया जा सका।

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