माता-पिता का विवाद मासूम बेटे के लिए बन गया काल, जानिए क्या रही विवाद की वजह

्रगांव मिर्जापुर में पति-पत्नी के विवाद में मासूम की जान चली गई। रात में गिरकर मासूम बेड व दीवार के बीच में फंस गया और उसकी मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 07:15 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 07:15 PM (IST)
माता-पिता का विवाद मासूम बेटे के लिए बन गया काल, जानिए क्या रही विवाद की वजह
माता-पिता का विवाद मासूम बेटे के लिए बन गया काल, जानिए क्या रही विवाद की वजह

जेएनएन, बरेली : गांव मिर्जापुर में पति-पत्नी के विवाद में मासूम की जान चली गई। रात में गिरकर मासूम बेड व दीवार के बीच में फंस गया। नशे में धुत पिता को होश ही नहीं रहा। बच्चे की सांसें थम गई। महिला ने पति पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने पति को हिरासत में ले लिया है।

गांव मिर्जापुर में चेतराम शर्मा उर्फ छोटू व पत्नी ईशा देवी के बीच कई दिनों से मनमुटाव चल रहा था। विवाद होने पर शनिवार सुबह पत्नी दो बच्चों को पति के पास छोड़कर मायके गांव रूपापुर चली गई थी। रात में चेतराम कमरे में बेड पर दोनों बच्चों के साथ सो रहा था। बताते हैं कि वह नशे में धुत था। रात में उसका आठ माह का छोटा बेटा नितेश अचानक दीवार की साइड में गिर गया। वह बेड व दीवार के बीच में फंस गया। मासूम तड़पता रहा, मगर नशे में होने के कारण पिता चेतराम को इसकी जानकारी नहीं हुई। सुबह आंख खुली तो देखा, तब तक मासूम की सांसें थम चुकी थीं। चेतराम ने सूचना स्वजन व पत्नी को दी। पत्नी मायके से ससुराल आई। पति पर पुत्र की हत्या किए जाने का आरोप लगाया। पुलिस ने पति को हिरासत में ले लिया।

------------- नशेड़ी है चेतराम

-चेतराम नशे का लती है। वह शराब के साथ ही गांजा व सुल्फा भी पीता है। इसी वजह से घर में कलह रहती थी। स्वजन ने बताया कि चेतराम मजदूरी करता है।

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तीन दिन पहले भी मायके गई थी पत्नी

तीन दिन पहले चेतराम शराब पीकर घर आया था। इस बात पर ईशा देवी का उससे विवाद हुआ था। इसके बाद ईशा मायके चली गई। हालांकि, बाद में वह लौट आई।

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गांव में बैठी थी पंचायत

गांव मिर्जापुर के मनेंद्र ने चेतराम की शादी ईशा देवी से कराई थी। पति-पत्नी के बीच विवाद होने पर गांव में पंचायत बैठी थी, जिसमें ईशा के पिता चंद्र किशोर शर्मा भी मौजूद थे। इस दौरान पत्नी अलग रहने को तैयार हो गई थी। इसके एवज में पति को पत्नी को साठ हजार रुपये देने थे। तय हुआ था कि बच्चे पिता के पास ही रहेंगे।

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