यूपी आर्थोकॉन : जोड़ों में खत्म होता कार्टीलेज पैदा कर रहा दर्द

कानपुर से आए विख्यात जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. एएस प्रसाद ने जागरण से बातें साझा की।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 01:45 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 01:45 PM (IST)
यूपी आर्थोकॉन : जोड़ों में खत्म होता कार्टीलेज पैदा कर रहा दर्द
यूपी आर्थोकॉन : जोड़ों में खत्म होता कार्टीलेज पैदा कर रहा दर्द

जेएनएन, बरेली : लोगों की जीवन शैली तेजी से बदली है। घर का खाना छोड़कर फास्ट फूड खाया जा रहा है। टहलना तो बंद हो गया है। प्रकृति से मिलने वाले विटामिन लेने में भी लोग कंजूसी करते हैैं। ऐसे में जोड़ों के बीच कार्टीलेज खत्म होता जा रहा है। कार्टीलेज के लगातार कम होने के कारण ही दर्द पैदा हो रहा है, जिससे घुटने खराब हो रहे हैैं। अपनी आदतें सुधार कर इस दर्द से बचा जा सकता है। शहर में आयोजित एक कांफ्रेंस में कानपुर से आए विख्यात जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. एएस प्रसाद ने जागरण से यह बातें साझा की।

मध्य भारत में वर्ष 1990 में जोड़ प्रत्यारोपण शुरू करने वाले डॉ. प्रसाद उप्र. ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन की तीन दिवसीय वार्षिक कांफ्रेंस यूपी ऑर्थोकॉन में पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि अपने देश में घुटने की समस्या के मरीज अधिक हैैं, जबकि युरोप में कूल्हे खराब होने के मामले ज्यादा हैैं। परिवार में किसी को यह बीमारी है तो आगे की पीढिय़ों के लिए यह अलार्म है। अमूमन बढ़ती उम्र की मानी जाने वाली बीमारी से बचाव के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। सप्ताह में कम से कम पांच दिन रोजाना दो किलोमीटर टहलना जरूरी है, जिसमें से 25 फीसद तेजी से टहलना चाहिए। विटामिन डी, कैल्शियम व फलों के सेवन से मिनरल जरूरी है। इससे जोड़ों के बीच में कार्टीलेज (उपास्थि या चबनी हड्डी) ठीक रहती है, जिससे जोड़ खराब नहीं होते।

आंशिक प्रत्यारोपण भी आसान

डॉ. प्रसाद ने बताया कि तीस फीसद तक खराब घुटनों को आंशिक प्रत्यारोपण से ठीक किया जा सकता है, लेकिन समय पर लोग इलाज नहीं करवाते है। इस कारण पूरा घुटना प्रत्यारोपण करना होता है। बताया कि आंशिक प्रत्यारोपण से मरीज पहले की तरह सभी कार्य कर सकता है। कूल्हे का खराब होना अक्सर एक तरीके के गठिया के कारण होता है। यह बीमारी कम उम्र के लोगों को भी पकड़ रही हैैं।

नई प्लेट्स बन रही वरदान

इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष सोलापुर (महाराष्ट्र) के डॉ. बी शिवाशंकर ने एनाटोमिकल लॉकिंग प्लेट्स को चिकित्सा क्षेत्र में वरदान बताया। उन्होंने कहा कि जोड़ व उसके आसपास के क्षेत्र के किसी भी तरह के फ्रैक्चर में यह प्लेट्स काफी कारगर है। यह हड्डी के हिसाब से सेट होकर उसे जल्द जोडऩे में मदद करती है। लखनऊ की केजीएमयू में ऑर्थोपेडिक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. विनीत शर्मा ने बताया कि एकल परिवारों को सस्ता इलाज व जल्द अस्पताल से छुटकारा मिल रहा है।  

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