बरेली में पहलवान साहब के उर्स का परचम कुशाई से आगाज, फातिहा ख्वानी में मुल्क में अमन चैन की दुआ की गई
Pahlwan Saheb Urs started in Bareilly हजरत सय्यद वासिल शहीद उर्फ पहलवान साहब के 205वें उर्स का आगाज सोमवार को बाद नामजे असर परचम कुशाई की रस्म के साथ खानकाहे वासिलया दरगाह पहलवान साहब पर किया गया। उसके बाद फातिहा ख्वानी हुई।
बरेली, जेएनएन। Pahlwan Saheb Urs started in Bareilly : हजरत सय्यद वासिल शहीद उर्फ पहलवान साहब के 205वें उर्स का आगाज सोमवार को बाद नामजे असर परचम कुशाई की रस्म के साथ खानकाहे वासिलया दरगाह पहलवान साहब पर किया गया। उसके बाद फातिहा ख्वानी हुई, जिसमें मुल्क में अमन चैन की दुआ की गई। फरहान रजा खान ने बताया कि बाद नमाजे ईशा नातो मनकबत का मुशायरा हुआ, जिसमे शायरों ने अपने कलाम पेश किए और श्रोताओं से दाद ओ तहसीन हासिल की। अदनान काशिफ ने पढ़ा– कुछ हजरते हस्सान का सदका हो मयस्सर, ए काश मुझे नात का लिखना हो मयस्सर।
बिलाल रजा ने पढ़ा - बाज आजा ए मुनाफिक हश्र में पछताएगा, देख उनके दोस्तों से दुश्मनी अच्छी नहीं। असरार नसीमी, अमन बरेलवी, मखदूम, आमिर रब्बानी, नजर, नईम तहसीनी, शबाब कासगंजवी, शाद शमसी आदि ने कलाम पढ़े। कार्यक्रम की सदारत मुफ्ती फुरकान रजा नूरी ने की और संचालन इसरार नईमी ने किया। उर्स के सभी प्रोग्राम नबीरे आला हजरत मौलाना तौकीर रजा खान की सरपरस्ती और डा. नफीस खान की सदारत व सेक्रेटरी नोमान रजा खान की देखरेख में हो रहे हैं। इफ्तिखार कुरैशी, मुनीर इदरीसी, अफजाल बेग, इमरान खान, सोहेब हसन अल्वी, रिजवान हुसैन अंसारी, मो शफी, जुबेर मियां, शहजाद पठान नियाजी, रहबर अंसारी ने व्यवस्थाएं संभालीं।