Paddy Purchasing : धान खरीद में अब नही गलेगी बिचौलियों की दाल, अंगूठा लगने के बाद ही तौला जाएगा धान, जानिए धान खरीद की नई व्यवस्था
Paddy Purchasing पीलीभीत गेहूं की तरह ही इस बार धान की सरकारी खरीद भी ई-पॉप मशीन के माध्यम से कराई जाएगी। इस मशीन में धान बेचने केंद्र पर पहुंचने वाले किसान के अंगूठा का निशान लिया जाएगा जो उसके आधार से लिंक है।
बरेली, जेएनएन। Paddy Purchasing : पीलीभीत : गेहूं की तरह ही इस बार धान की सरकारी खरीद भी ई-पॉप मशीन के माध्यम से कराई जाएगी। इस मशीन में धान बेचने केंद्र पर पहुंचने वाले किसान के अंगूठा का निशान लिया जाएगा, जो उसके आधार से लिंक है। ऐसे में वास्तविक किसान ही केंद्रों पर अपना धान बेच सकेंगे। क्यों कि प्वाइंट आफ परचेज बायोमैट्रिक मशीन (ई-पॉप मशीन) में किसी अन्य के अंगूठे के निशान का मिलान ही नहीं हो सकेगा।
पिछले साल धान की सरकारी खरीद के दौरान बिचौलिए काफी सक्रिय रहे थे। जिले की विभिन्न मंडियों में लगे धान क्रय केंद्रों पर वास्तविक किसान टोकन होने के बाद भी तौल का इंतजार करते रह जाते और बिचौलिए अपना धान बेचकर चले जाते। शिकायतें बढ़ने पर खुद जिलाधिकारी पुलकित खरे ने शहर की मंडी समिति में छापा मारा था। जब वहां उन्होंने बड़ी संख्या में किसानों के धान की ढेरियां लगी देखीं तो तत्कालीन जिला खाद्य विपणन अधिकारी पर बिफर पड़े थे।
साथ ही सभी केंद्र प्रभारियों को चेतावनी दी थी कि बार-बार यह समझाने का प्रयास न करें कि धान में नमी के कारण किसानों को इंतजार करना पड़ रहा। डीएम के सख्त रुख के बाद अन्य अधिकारियों ने क्रय केंद्रों की जांच करना शुरू कर दिया था। तब कई बिचौलिए पकड़े गए। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया। सरकारी खरीद में बिचौलियों का दखल पूरी तरह से रोकने के लिए इस साल गेंहू के सीजन में पहली बार ई-पॉप मशीन का इस्तेमाल किया गया।
यह काफी कारगर साबित हुआ। गेहूं खरीद के दौरान बिचौलियों की एक न चलीं। किसानों की शिकायतें भी अधिकारियों के पास कम ही पहुंचीं। इसलिए इस बार धान की सरकारी खरीद में भी इन मशीनों का इस्तेमाल करने की योजना बनी है।
विभाग के पास 125 ई-पॉप मशीनें उपलब्ध हैं। आवश्यकता पड़ने पर और मशीनें प्राप्त हो जाएंगी। प्रत्येक क्रय केंद्र पर पहले इन मशीनों में किसान या उनके द्वारा नामित व्यक्ति के अंगूठा का निशान लिया जाएगा। किसान और नामित व्यक्ति का आधार लिंक पंजीकरण पहले से होगा। ऐसे में किसी बिचौलिए के लिए कोई गुंजाइश नहीं रह जाएगी। प्रिंस चौधरी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी