बरेली में बेमौसम बारिश से धान की फसल बर्बाद

रविवार का दिन किसानों के लिए मुसीबत लेकर आया। अचानक शुरू हुई बेमौसम बरसात ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। सर्वाधिक नुकसान धान व आलू की फसलों को हुआ। क्षेत्र के किसानों को लाखों रुपये की चपत लगी है। जहां धान खेतों में सड़ रहा है वहीं जिन खेतों में आलू की बोआई कर दी गई थी वे भी खराब हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:20 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:20 AM (IST)
बरेली में बेमौसम बारिश से धान की फसल बर्बाद
बरेली में बेमौसम बारिश से धान की फसल बर्बाद

जागरण संवाददाता, बरेली: रविवार का दिन किसानों के लिए मुसीबत लेकर आया। अचानक शुरू हुई बेमौसम बरसात ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। सर्वाधिक नुकसान धान व आलू की फसलों को हुआ। क्षेत्र के किसानों को लाखों रुपये की चपत लगी है। जहां धान खेतों में सड़ रहा है, वहीं जिन खेतों में आलू की बोआई कर दी गई थी, वे भी खराब हो रहे हैं। अब दोबारा आलू की बोआई करनी होगी। साथ ही सरसों आदि तिलहन व दलहन की बोआई भी देरी से हो सकेगी। अक्टूबर में जहां किसान धान की कटाई कर रहे थे, वहीं आलू की बोआई भी शुरू हो गई थी। सीबीगंज क्षेत्र के चंद्रपुर जोगियान, चंद्रपुर काजियान, आटा, सनईया रानी, गौतारा आदि गांवों के किसानों को उम्मीद थी कि अब बरसात नहीं होगी, लेकिन रविवार को उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। इतनी तेज बरसात हुई कि आलू की फसल में पानी भरने से बीज खराब हो गया। जिन किसानों ने धान की फसल नहीं काटी थी, वह खेतों में बिछ गई। अब किसान को दोबारा आलू लगाने के लिए श्रम व धन खर्च करना होगा। जो धान काटकर खेतों में रखा हुआ था, वह तो पूरी तरह बेकार हो गया। फरीदपुर प्रतिनिधि के अनुसार ग्राम मेहतरपुर तिजासिंह के किसान अब्दुल सलाम की 24 बीघा धान की फसल खेत में कटी पड़ी थी। बारिश से खेतों में ही जलमग्न हो गई। ग्राम भगवानपुर फुलवा के किसान शालू शर्मा का कहना है कि खेतों में पानी भरने से कई एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है। लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है। खेत में पानी भरने से ग्राम करतोली के किसान अजीत यादव की एक एकड़ में खड़ी लहटा की फसल नष्ट हो गई। ग्राम मेवा पट्टी की किसान श्याम प्यारी की चार बीघा तिल की फसल कटी पड़ी थी। बारिश से वह खराब हो गई। उनका रो-रोकर बुरा हाल है।

सरसों की बोआई में होगी देरी

इस समय किसान सरसों की फसल लगाने की तैयारी में थे, लेकिन इस बारिश ने उनका इंतजार बढ़ा दिया है। अब उनको दोबारा खेतों की तैयारी करनी होगी। खेत सूखने में 15 दिन लग जाएंगे।

क्रय केंद्रों में पसरा रहा सन्नाटा

बारिश के चलते सोमवार को जिले में बने 110 क्रय केंद्रों में किसी भी केंद्र पर किसान धान की तौल कराने नहीं पहुंचे। जिला खाद्य विपणन अधिकारी सुनील भारती ने बताया कि मंगलवार को अवकाश के बाद भी जिले के सभी क्रय केंद्र धान तौल के लिए खोले जाएंगे। सोमवार को किसानों ने तौल के लिए पंजीकरण करा रखा था, लेकिन बारिश के चलते कोई नहीं पहुंचा।

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