जला तेल बेचकर बना नकली मोबिल ऑयल फैक्ट्री का मालिक, बोला- बैंक पीओ की करनी थी तैयारी, बाप ने धंधे में उतार दिया
Fake Mobil Oil Factory Case नकली मोबिल आयल फैक्ट्री मालिक हसीन अख्तर के बेटे बसीम अख्तर ने नकली फैक्ट्री बनाने का राज खोला। वसीम के मुताबिक 20 सालों से जला तेल खरीदकर उसे बेचने का काम किया जा रहा था।
बरेली, जेएनएन। Fake Mobil Oil Factory Case : नकली मोबिल आयल फैक्ट्री मालिक हसीन अख्तर के बेटे बसीम अख्तर ने नकली फैक्ट्री बनाने का राज खोला। वसीम के मुताबिक 20 सालों से जला तेल खरीदकर उसे बेचने का काम किया जा रहा था।इसी के दम पर उसने नकली मोबिल आयल फैक्ट्री खड़ी की थी।
हसीन अख्तर बीते 20 सालों से जला तेल खरीदने का काम करता था। जला मोबिल आयल खरीदकर व नमकीन, ग्रीस व शटरिंग का काम करने वालों को बेचता था। उसके मुताबिक, वर्तमान में वह 22 रुपये प्रति लीटर मोबिल जला मोबिल खरीदता था जिसे नमकीन, ग्राीस व शटरिंग का काम करने वाले 30 रुपये प्रति लीटर तक खरीद लेते थे। काम करते-करते उसे अचानक से उसके मन में अधिक लाभ का लालच आ गया। इसी के बाद उसने बेटे के साथ मिलकर नकली मोबिल आयल तैयार कर बाजार में बेचने की शुरूआत कर दी।
साइकिल से शुरुआत, गाड़ी से सप्लाई होने लगा मोबिल
20 साल से जले मोबिल का काम करके हसीन अख्तर को इतना मुनाफा न हुआ कि वह गाड़ी खरीद सके। साइकिल से ही जला मोबिल खरीदने दुकानों-दुकानों जाता। इसी के बाद बेचने के लिए भी वह साइकिल से ही फेरी लगाता। पुलिस हैरत में तब पड़ गई जब पता चला कि 20 साल से जिस माेबिल के काम से हसीन बाइक भी न खरीद सका। नकली मोबिल के काम से उसने न सिर्फ खुद के साथ बेटों के लिए मोटरसाइकिल खरीदी वरन कार तक सफर पहुंच गया तैयार माल गाड़ी से बाजार में सप्लाई किया जाने लगा। सड़क किनारे खोखे पर सर्विस करने वाले दुकानदारों को आरोपित सबसे ज्यादा माल खपाते थे।
वसीम बोला-बैंक पीओ की करनी थी तैयारी, बाप ने धंधे में उतार दिया
पूछताछ में पुलिस को आरोपित हसीन अख्तर के बेटे वसीम अख्तर ने बताया कि उसने बीकाम फाइनेंस से वर्ष 2020 में पढ़ाई पूरी की है। पढ़ाई पूरी होने के बाद ही लाकडाउन लग गया। बैंक पीओ के लिए तैयारी करनी थी लेकिन, लाकडाउन के चलते पढ़ाई शुरू हो न सकी। इसी के बाद पिता ने मोबिल का काम बढ़े स्तर पर शुरू करने की बात कही। उनकी बात मनाते हुए काम को आगे बढ़ाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया। कई दिनों तक मोबिल के काम को शुरू करने के लिए जरूरी चीजें व सामान मिलने के स्थान के बारे में सर्च किया। इसी के बाद फैक्ट्री शुरू हुई। साफ है कि पिता हसीन अख्तर को फैक्ट्री मालिक बनाने में वसीम ही मददगार बना।