हम सभी जीवन में चाहते हैं आनंद

आनंद एक ऐसा शब्द है जो जिसकी मांग मानव मात्र में है। आनंद जीवन की मूल मांग है। हम सभी आनंद ही चाहते हैं। ये बातें बुधवार को आनंद आश्रम में हो रहे वार्षिकोत्सव के पहले दिन सत्संग सभा की अध्यक्षता कर रहे रायबरेली से आए संस्था के प्रमुख स्वामी ज्योतिर्मयानंद ने कहीं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 02:54 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 02:54 AM (IST)
हम सभी जीवन में चाहते हैं आनंद
हम सभी जीवन में चाहते हैं आनंद

बरेली, जेएनएन : आनंद एक ऐसा शब्द है जो जिसकी मांग मानव मात्र में है। आनंद जीवन की मूल मांग है। हम सभी आनंद ही चाहते हैं। ये बातें बुधवार को आनंद आश्रम में हो रहे वार्षिकोत्सव के पहले दिन सत्संग सभा की अध्यक्षता कर रहे रायबरेली से आए संस्था के प्रमुख स्वामी ज्योतिर्मयानंद ने कहीं। उन्होंने कहा कि मूल में खोज तो आनंद की ही है। हम जीवन में इस शब्द स्पर्श रूप रस गंध विषयों के संपर्क में आते ही उसके मूल में भी आनंद की खोज कर रहे हैं। परमात्मा शाश्वत है जो हर कण में है। बस दृष्टि बदलने की आवश्यकता है। सभी को जीवन में सत्संग का आश्रय लेना चाहिए। इस दौरान मुख्य रूप से आनंद आश्रम प्रबंध समिति एवं ट्रस्ट के प्रेम शंकर, सुभाष अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, रजनीश, सर्वेश, शशिकांत मोदी, नरसिंह मोदी, अनिल अग्रवाल मौजूद रहे।

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