कोरोना सैंपलिंग फर्जीवाड़ें की खुली पर्ते, चिकित्सक, लेब टैक्नीशियन सहित पांच कर्मचारियों से मांगा स्पष्टीकरण

Corona Sampling Investigation बदायूं में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चल रही सैंपलिंग में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है। दैनिक जागरण द्वारा इस फर्जीवाड़े का राजफाश किया गया तो जांच शुरू हुई। अब धीरे धीरे इसकी परते खुल रही हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 03:51 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 03:51 PM (IST)
कोरोना सैंपलिंग फर्जीवाड़ें की खुली पर्ते, चिकित्सक, लेब टैक्नीशियन सहित पांच कर्मचारियों से मांगा स्पष्टीकरण
कोरोना सैंपलिंग फर्जीवाड़ें की खुली पर्ते, चिकित्सक, लेब टैक्नीशियन सहित पांच कर्मचारियों से मांगा स्पष्टीकरण

बरेली, जेएनएन। Corona Sampling Investigation : बदायूं में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चल रही सैंपलिंग में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है। दैनिक जागरण द्वारा इस फर्जीवाड़े का राजफाश किया गया तो जांच शुरू हुई। अब धीरे धीरे इसकी परते खुल रही हैं। सूत्र बताते हैं कि यह टीम अब तक आरटीपीसीआर और एंटीजन की पांच हजार से ज्यादा फर्जी जांच कर चुकी थी। मामले की जांच कर रहे जिला सर्विलांस अधिकारी डा. अनिल शर्मा भी इनके द्वारा की गई जांचों के नाम और नंबरों का आइडीएसपी के कर्मचारियों से मिलान करा रहे हैं। इस टीम के सभी पांचों कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। स्पष्टीकरण मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

आगामी त्योहारों के नजदीक आने के मद्देनजर शासन द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम को जांच लगातार जारी रखने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन जिले के लोगों द्वारा जांच कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई दे रही थी। यहां तक कि लोगों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क तथा शारीरिक दूरी तक का पालन करना छोड़ दिया है। ऐसे में दैनिक जागरण ने पड़ताल की तो कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया।

दैनिक जागरण ने 16 अक्टूबर के अंक में इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. अनिल शर्मा मामले की जांच कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि अब तक हुई जांच में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसके चलते फर्जीवाड़ा करने वाली टीम को दो बार तलब किया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार यह टीम पिछले कई महीने से इस प्रकार का फर्जीवाड़ा कर रही थी।

अब तक इनके द्वारा आरटीपीसीआर और एंटीजन के पांच हजार से ज्यादा फर्जी सैंपल तैयार किए जा चुके थे। इन फर्जी सैंपलों में दिए गए नाम, पते और मोबाइल नंबर भी फर्जी थे, जिनका मिलान किया जा रहा है। बताते हैं कि यह कर्मचारी पूर्व में हो चुकी जांचों के नाम और नंबर ही दोबारा चढ़ा दे रहे थे। किसी नाम में कुमार जोड़ देते तो किसी में जाति बदल देते, जबकि कुछ ऐसे मोबाइल नंबर भी दर्ज हैं, जिन पर पहले जांच हो चुकी थी अब दोबारा जांच दिखा दी गई।

फिलहाल मामले की जांच चल रही है। इस टीम के चिकित्सक, लैब टैक्नीशियन समेत सभी पांच कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। स्पष्टीकरण मिलने के बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी। स्पष्टीकरण देने तक सभी पांच कर्मचारियों को काम करने से भी रोक दिया गया है।

मामले की जांच चल रही है। टीम द्वारा किए गए सैंपल में दिए गए नाम पता और मोबाइल नंबर का मिलान कराया जा रहा है। चिकित्सक समेत पांच कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। स्पष्टीकरण मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। - डा. अनिल शर्मा, जिला सर्विलांस अधिकारी

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