बरेली में फर्जी दारोगा का खुला राज, कप्तान की हनक दिखाकर दो बार किया था चौकी का निरीक्षण, दिए थे सुधार के निर्देश

सेवानिवृत्त फौजी फर्जी दारोगा बन सिर्फ चेकिंग ही नहीं करता था। सिपाही और होमगार्ड को रौब में लेने के लिए वह खुद को कप्तान कार्यालय से भेजे जाने की बात बताता। बीते 15 दिनों में आरोपित लाखन सिंह ने रामगंगानगर चौकी का दो बार निरीक्षण किया।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 01:51 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 01:51 PM (IST)
बरेली में फर्जी दारोगा का खुला राज, कप्तान की हनक दिखाकर दो बार किया था चौकी का निरीक्षण, दिए थे सुधार के निर्देश
बरेली में फर्जी दारोगा का खुला राज, कप्तान की हनक दिखाकर दो बार किया था चौकी का निरीक्षण

बरेली, जेएनएन। सेवानिवृत्त फौजी फर्जी दारोगा बन सिर्फ चेकिंग ही नहीं करता था। सिपाही और होमगार्ड को रौब में लेने के लिए वह खुद को कप्तान कार्यालय से भेजे जाने की बात बताता। बीते 15 दिनों में आरोपित लाखन सिंह ने रामगंगानगर चौकी का दो बार निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उसने सिपाही और होमगार्ड को हड़काया। कार्यशैली में सुधार लाने के निर्देश दिए। इसे साथ ही जमीन विवाद से जुड़े एक मामले के जल्द निस्तारण के भी निर्देश दिए। बुधवार को बिथरी पुलिस ने आरोपित को जेल भेज दिया। कोई भूमिका सामने न आने पर हिरासत में लिए गए तीन युवकों को छोड़ दिया गया।

बिथरी पुलिस ने मंगलवार को सेवानिवृत्त फौजी लाखन सिंह को फर्जी दारोगा बन हाईवे पर चेकिंग के नाम पर वसूली करते पकड़ा था। आरोपित लाखन सिंह मूलरूप से अलीगढ़ में अतरौली तहसील के पाली मुकीमपुर थानाक्षेत्र स्थित बनूपुरा गांव का रहने वाला है। वर्ष 2014 से वह परिवार के साथ बरेली के सनराइज कालोनी फेज टू में रह रहा है। बीते कई दिन से वह बिथरी चैनपुर क्षेत्र में मास्क चेकिंग के नाम पर दुकानदारों व आस-पास के लोगों से वसूली कर रहा था। बुधवार को थाने के ही होमगार्ड राजीव की समझदारी से वह डोरा रोड पर चेकिंग करते पकड़ा गया था। आरोपित के पास से रक्षा मंत्रालय की प्लेट, सेना का फर्जी अधिकार पत्र, लाइसेंसी पिस्टल, नीली बत्ती लगी कार भी बरामद की गई थी।

17वीं जाट बटालियन से हुआ था सेवानिवृत्त...जम्मू कश्मीर के पते पर है पिस्टल का लाइसेंस

लाखन सिंह के पकड़े जाने के बाद बिथरी पुलिस ने जाट रेजीमेंट के अधिकारियों को सूचना दी। मिलिट्री इंटेलीजेंस के अधिकारी थाने पहुंचे। जांच में पता चला कि आरोपित वर्ष 2014 में मेरठ की 17वीं जाट बटालियन से सेवानिवृत्त हुआ था। उसके पिस्टल का लाइसेंस जम्मू एवं कश्मीर के पते पर था। लिहाजा, फर्जीवाड़ा होने का अंदेशा हुआ। इंस्पेक्टर बिथरी चैनपुर मनोज त्यागी ने बताया कि जांच में उसका लाइसेंस सही पाय गया है। जम्मू कश्मीर के कठुआ से उसका लाइसेंस बना था। उसने इज्जजनगर के युवक से गाड़ी खरीदने की बात बताई।

ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी सड़कों पर ही लगाता था चेकिंग

किसी को उसके फर्जीवाड़े पर शक न हो, लिहाजा वह अपना काम बड़ी ही सफाई से करता। ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी सड़कों पर ही वह चेकिंग लगाता। ग्रामीणों को अदब में लेता और वसूली करता। बीते छह साल से वह चेकिंग कर अवैध वसूली के कार्य में लिप्त था।

जांच में पाया गया कि आरोपित लाखन सिंह 17वीं जाट बटालियन मेरठ से सेवानिवृत्त हुआ था। उसे जेल भेज दिया गया है। - रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी

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